क्या joint home loan ज्यादा फायदेमंद है, आयकर छूट के नियम व शर्तें, यहां पढ़ें

ज्यादातर लोग जो होमलोन लेते हैं वो ज्वाइंट होम लोन के बारे में नहीं जानते। कुछ लोग इसलिए भी ज्वाइंट होम लोन नहीं लेते क्योंकि उन्हे लगता है कि इससे आयकर में छूट नहीं मिलेगी परंतु हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि ज्वाइंट होम लोन हर तरीके से फायदेमंद होता है। यह आसानी से स्वीकृत हो जाता है, क्योंकि 2 व्यक्ति लोन के लिए जिम्मेदार होते हैं। आपको लोन की रकम ज्यादा मिलती है और इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80C और धारा 24 के तहत टैक्स छूट भी ज्यादा मिलती है। आइए टैक्स छूट के बारे में जानें: 

जॉइंट होम लोन में टैक्स बेनिफिट के लिए शर्तें 

1. सबसे महत्वपूर्ण और स्पष्ट शर्त यह है कि घर और लोन दोनों व्यक्तियों के नाम हो। 
2. जाहिर तौर पर दस्तावेजों में दोनों ऑनर के नाम और उनकी हिस्सेदारी का उल्लेख हो। 
3. जॉइंट होम लोन लेने पर एक से अधिक व्यक्ति टैक्स छूट का लाभ ले सकता है। 
4. टैक्स छूट का बंटवारा ऑनरशिप में हिस्सेदारी पर निर्भर करता है। 
5. प्रत्येक आवेदक को अलग-अलग अधिकतम छूट प्राप्त करने का अधिकार है। 
6. यह भी ध्यान रखें कि टैक्स बेनिफिट आपको तभी मिलता है जब घर तैयार हो चुका हो। निर्माणाधीन प्रॉपर्टी के लिए आप टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते हैं। हालांकि, निर्माण पूरा होने से पहले के खर्च पर छूट बाद में पांच बराबर इस्टॉलमेंट में क्लेम कर सकते हैं। 

किस नियम में कितनी छूट 

जॉइंट हाउसिंग लोन पर दो तरह से छूट प्राप्त कर सकते हैं। होम लोन का ब्याज और मूलधन चुकाने में टैक्स छूट का प्रावधान अलग-अलग है। 
1. इनकम टैक्स की धारा 24 के तहत, होम लोन इंटरेस्ट रीपेमेंट के बदले एक व्यक्ति हर साल अधिकतम 2 लाख रुपये टैक्स छूट प्राप्त कर सकता है। 
2. सेक्शन 80 C के तहत प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट के बदले अधिकतम 1.50 लाख रुपये टैक्स छूट ले सकते हैं। 
अगर आप दो लोगों के साथ मिलकर होम लोन लेते हैं तो यह बेनेफिट सीधा दोगुना हो जाता है यानी 3 लाख रुपये और 4 लाख रुपये तक आपको टैक्स बेनेफिट मिलेगा। 

उदाहरण के तौर पर महेश ने अपने पिता गोपालदास के साथ मिलकर लोन लेकर एक घर खरीदा और उसके बदले में 4,50,000 रुपये ब्याज चुकाया। दोनों का प्रॉपर्टी में 50:50 हिस्सा है। महेश टैक्स में 2,00,000 रुपये की छूट का दावा कर सकते हैं और महेशदास भी 2,00,000 रुपये टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यदि दोनों सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में हों तो कुल 7 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है। 
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