
आरोपी रवींद्र कुमार बिहार का रहने वाला था और यहां एक फैक्ट्री में काम करता था। घटना के बाद से विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। साबरकांठा में एक हफ्ते पहले और वडनगर में मंगलवार को प्रदर्शन किए गए। हमले का शिकार हुए 23 साल के ऑटोरिक्शा ड्राइवर केदारनाथ ने बताया कि वह यूपी के सुलतानपुर का रहने वाला है।उस पर चांदलोडिया पुल के पास कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उसने बताया कि भीड़ सब्जी के ठेले पलट रही थी और लोगों पर हमला कर रही थी। केदार ने आगे बताया कि जब उसने भागने की कोशिश की तो उसे रोका गया, उसके रिक्शे की विंडशील्ड तोड़ दी गई और उसे पीटा गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर भारतीयों के खिलाफ लोग नारे लगा रहे थे। लोगों का कहना था कि, 'बाहरी लोग राज्य छोड़ दें'। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि भीड़ ने 8 गाड़ियां, एक लोडिंग रिक्शा और एक टू-वीलर तोड़ दिया। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है।
उत्तर भारतियों पर हमले की घटना साबरमती में भी सामने आई। यहां प्रतिमा कोरी नाम की महिला को रेलवे ब्रिज के पास घर जाते वक्त चार लोगों ने रोक लिया। वे लोग उनका पीछा करने लगे और गालियां देने लगे। वे कह रहे थे कि यूपी और बिहार के लोग शहर छोड़ दें, वरना उन्हें मार दिया जाएगा।