जबलपुर। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में टीआई जीएस उइके और हवलदार राघवेन्द्र सिंह पर गंभीर आरोप लगा है। एक विवाहित युवती ने आरोप लगाया है कि दोनों पुलिस अधिकारियों ने लॉकअप में उसके पति की निमर्म पिटाई की। जब उसने इसका विरोध किया तो दूसरे कमरे में ले जाकर उसका सामूहिक बलात्कार किया। एसपी शहडोल ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। समाचार लिखे जाने तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। दोनों पुलिस अधिकारियों को लाइन अटैच भी नहीं किया गया था।
पीड़ित महिला ने एसपी को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया है कि टीआई जीएस उइके और हवलदार राघवेंद्र सिंह ने थाना परिसर में ही उसके साथ दुष्कर्म किया है। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में एसपी कुमार सौरभ ने एसडीओपी को जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं। पीड़िता ने एसपी को बताया कि मारपीट के एक मामले में सीधी पुलिस ने उसके पति को गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान वह घर में अकेली थी। तभी जिस पक्ष के साथ मारपीट की वारदात हुई थी, उस पक्ष के दो आरोपी उसके घर में घुस आए और उससे दुष्कर्म की कोशिश करने लगे। इसी बीच रात नौ बजे वह आरोपियों से चंगुल से छूटकर सीधी थाने पहुंची।
सीधी में पीड़ित महिला ने देखा कि लॉकअप में पुलिस उसके पति के साथ मारपीट कर रही है। महिला ने इसका विरोध किया। महिला का आरोप है कि इसी बीच हवलदार राघवेंद्र सिंह उसे पकड़कर दूसरे कमरे में ले गया। जहां टीआई जीएस उइके और हवलदार राघवेंद्र ने बारी-बारी से उसके साथ रेप किया। पुलिसकर्मियों ने थाना परिसर में ही दुष्कर्म करने के बाद किसी को बता देने पर जान से मारने की धमकी भी पीड़ित महिला को दी।
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