SC/ST ACT सर्वसम्मति से पारित हुआ है, उंगली नहीं उठा सकते: दिग्विजय सिंह

भोपाल। एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने यह बयान उत्तरप्रदेश के मथुरा में दिया। श्री सिंह ने कहा कि भारत में संविधान सर्वोपरि है। संविधान ही लोकसभा, राज्यसभा सहित विधानसभाओं और विधान परिषदों को अधिकार देता है कि वे जनता के हित में कानून बनाएं और जब ये संस्थाएं सर्वसम्मति से कोई कानून पारित करती हैं, तो उस पर कैसे उंगली उठाई जा सकती है।’’ 

इस संशोधन के लिए भाजपा जिम्मेदार
अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में संसद द्वारा हाल ही में किए गए परिवर्तन के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। बीजेपी ही हर चुनाव से पहले यह प्रचार करती आई है कि हमें वोट दो हम एससी/एसटी अधिनियम खत्म करा सकते हैं। उसने (बीजेपी) धोखा दिया है, तो उसे दंड दिया जाना चाहिए। दिग्विजय वृन्दावन में आयोजित शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे।

क्यों किया जा रहा है एससी/एसटी एक्ट का विरोध
एससी/एसटी एक्ट का लगातार हो रहे दुरुपयोग के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें एक्ट को खत्म करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक्ट को खत्म तो नहीं किया परंतु मौजूदा आंकड़ों के बाद यह पाया कि एससी/एसटी एक्ट का दुुरुपयोग हो रहा है अत: इस मामले में शिकायत मिलते ही एफआईआर और गिरफ्तारी की शर्त को हटा दिया। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी कर दिया। इसी के बाद अनारक्षित जातियों के लोग भड़क गए। उनका कहना है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में लड़ना चाहिए था, इस तरह अध्यादेश लाकर उसने गलत किया। 
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