मध्यप्रदेश के अत्यंत रोचक तथ्य | most interesting facts of Madhya Pradesh

रायसेन के गोरखपुर के पास 'चीन की दीवार' के बाद दुनिया की सबसे बड़ी दीवार बनाई गई थी, जिसके कुछ अवशेष अभी भी मौजूद हैं। 
मराठा पेशवा बाजीराव ने सीहोर में एक भविष्य गणेश मंदिर बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन वे गणेश प्रतिमा को उसके वर्तमान स्थल से टस से मस नहीं कर पाए। 
आज विदिशा हैं वहां पहले दो शहर थे। बेतवा के पश्चिमी तट पर बेसनगर व पूर्वी तट पर भेलसा। यहां तोपें बनतीं थी। झांसी के किले में भेलसा की तोप ने ही अंग्रेजों के झक्के छुड़ाए थे। 

ग्वालियर शहर के नजदीक स्थिति श्री शनिश्चरा मंदिर में  शनिदेव की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम भक्त हनुमान ने की थी। यह स्थापना श्री राम सेना के लंका पर चढ़ाई के पहले की गई थी। 
चंदेरी पर आक्रमण करने के लिए बाबर ने एक ही रात में 80 फीट ऊंची एक पहाड़ी को काटकर रास्ता बनाया था, जिसे वहां आजकल कटी पहाड़ी कहते हैं। 
शिवपुरी पहले सिंधिया वंश की ग्रीष्मकालीन राजधानी था, क्योंकि यहां का पर्यावरण काफी शुद्ध, वातावरण में ठंडक और वनप्रदेश होने के कारण प्राकृतिक शांति होती थी। इस शहर की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग भी तत्कालीन राजा 'माधौ महाराज' ने ही बनाई थी। 

दतिया को छोटा वृन्दावन भी कहा जाता है, यहां पर 16 वीं सदी की एक सात मंजिला महल मौजूद है। 
गुना शहर का पूरा नाम है- ग्वालियर यूनाईटेड नेशनल आर्मी। गुना असल में कभी सिंधिया राजघराने का सैन्य मुख्यालय हुआ करता था।
अकबर के नवरत्नों में से एक 'मुल्ला-दो-प्याजा' हरदा में दफन हैं। 
ईंट और रस्सी के व्यापार का केंद्र होने के कारण 'इटारसी' को अपना नाम मिला। 
राम प्रसाद बिस्मिल की याद में मुरैना में एक शहीद मंदिर है और हर साल एक शहादत मेला लगता है क्योंकि राम प्रसाद बिस्मिल के पूर्वज यहीं के थे।
भारतीय संसद का डिजाइन मुरैना के 'चौसठ योगिनी मंदिर' से प्रेरित है। 
जो जगह नीम के पार स्थित थी उसे निमाड़ कहा गया।
 15 वीं शताब्दी में अलीराजपुर में एक राजा थे जिंका नाम था।
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