काश मैंने उसे पिछली सीट पर बैठने दिया होता तो मेरी बेटी आज जिन्दा होती | BHOPAL CRIME NEWS

भोपाल। प्लेटिनम प्लाजा के पास एक अनियंत्रित कार डिवाइडर से जा टकराई, जिससे ड्राइविंग सीट के बगल में बैठी पांच साल की मासूम की मौत हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि बच्ची सीट से उछलकर विंडस्क्रीन से जा टकराई और उसके सिर में गंभीर चोट थी। बच्ची अपने भाई के साथ कार की पिछली सीट पर बैठना चाहती थी, पिता ने आगे बिठाया तो नाराज हो गई थी। बेटी को खुश करने के लिए पिता ने मुख्य रास्ता छोड़कर उसे चिप्स दिलाने न्यू मार्केट ले जा रहे थे, तभी हादसा हो गया। अंसल अपार्टमेंट के पास श्यामला हिल्स निवासी 45 वर्षीय आनंद कुमार झा एक मीडिया हाउस में यूनिट हेड हैं। वर्ष 2005 से वे परिवार के साथ छिंदवाड़ा में रहते हैं। शनिवार को वे श्यामला हिल्स में रहने वाले अपने बड़े भाई के पास परिवार के साथ आए थे। चार बच्चों में सबसे छोटी बेटी राइमा पांच साल की थी। वह छिंदवाड़ा स्थित एक निजी स्कूल में केजी वन की छात्रा थी। गौरतलब है कि शुक्रवार रात भी एक कार इसी जगह डिवाइडर से टकरा गई थी। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था।

CAR की विंडस्क्रीन से टकराई राइमा की थम गयी सांसे 


आनंद के मुताबिक कोलार से जब हम घर लौटने लगे तो राइमा अपने बड़े भाई के साथ पिछली सीट पर बैठना चाहती थी। मैंने ही उसे आगे बैठने के लिए कहा था। इससे वह नाराज हो गई। उसे खुश करने के लिए मैंने उसे प्यार से पूछा कि बताओ बेटी तुम क्या खाओगी? इतना सुनते ही वह खुश हो गई और मुस्कुराते हुए बोली पापा चिप्स दिला दो। बेटी दोबारा नाराज न हो जाए, इसलिए रोशनपुरा होकर न जाकर मैंने न्यू मार्केट की ओर कार मोड़ ली। काश मैंने उसे अपने भाई के साथ पिछली सीट पर ही बैठने दिया होता तो शायद मेरी बेटी आज जिंदा होती।  

राइमा इतनी सी उम्र में ही बेहद अच्छा गाना गा लेती थी। वह स्कूल के हर प्रोग्राम में गाना गाती थी। स्कूल में सात सितंबर को एक प्रोग्राम होना था, जिसमें गाने के लिए उसने काफी तैयारी भी की थी। आनंद ने बताया कि रक्षाबंधन पर छुट्टी नहीं मिल पाई थी। इसलिए रक्षाबंधन के बाद छुट्टी लेकर वे शनिवार को ही परिवार के साथ भोपाल आए थे। उसी दिन पत्नी अपने मायके विदिशा जाना चाहती थी। हम भोपाल रेलवे स्टेशन तक गए भी, लेकिन पत्नी ने अकेले मायके जाने से इनकार कर दिया। इसलिए सभी दोबारा भइया के घर लौट आए।

प्लेटिनम प्लाजा के पास कार हादसे में 5 वर्षीय बच्ची की मौत 

आनंद ने बताया कि शनिवार रात करीब साढ़े आठ बजे मैं अपनी दोनों बेटियों, बेटा, बड़े भैया के दामाद और बड़े भाई की बेटियों के साथ अपने चाचा के घर दावत पर कोलार गया था। करीब 12 बजे सभी घर लौट रहे थे। राइमा अगली सीट पर दामाद की गोद में बैठी थी। थकान होने के कारण वह डेशबोर्ड पर सिर रखकर सो रही थी। मैंने कार प्लेटिनम प्लाजा से स्टेडियम की तरफ टर्न की। तभी साथ चल रही कार के ड्राइवर ने अचानक हमारी कार को क्रॉस कर दिया। उसे बचाने में मैंने स्टेयरिंग घुमाया तो कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकराई। टक्कर के कारण राइमा उछलकर विंडस्क्रीन से जा टकराई। उसके सिर में गंभीर चोट थी। ऑटो से हम उसे लेकर जेपी अस्पताल पहुंचे। तब तक उसकी सांसें रुक-रुक कर चल रही थीं। डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश शुरू की, लेकिन कुछ देर बाद ही राइमा की सांसें हमेशा के लिए रुक गईं।

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