धान का बीमा होना था, BANK ने कपास का कर दिया, अब मुआवजा नहीं दे रहे | FASAL BIMA YOJANA

हरियाणा। किसान की धान की फसल बीमा होना था, बैंक ने कपास का कर दिया। अब धान की फसल नष्ट होने पर किसान ने मुआवजा मांगा तो बैंक ने कहा अगर कपास नष्ट हुई तो मुआवजा मिलेगा। ये मामला डीघल गांव के किसान के साथ हुअा। अब वाे एक साल से अपनी खराब फसल का मुआवजा लेने के लिए बीमा कम्पनी और बैंक के चक्कर लगा रहा हैं। 

किसान मनोज अहलावत का कहना है कि उसका ICICI BANK से क्रेडिट बना हुआ हैं। 2017 में खरीफ की फसल की बीमा प्रीमियम राशि 26,979 खाते से काटी गई थी। इसके बाद 15 एकड़ धान की फसल अक्टूबर 2017 में पानी में डूबने से खराब हो गई थी। किसान मनाेज के अनुसार इसकी शिकायत डीडीओ आफिस झज्जर में दी थी। उन्होंने समय रहते खराब फसल का सर्वे करवाया था। उसका मुआवजा बजाज एलाऐन्स कंपनी ने 1,40,185 रुपए बैंक को भेज दिया था। लेकिन बैंक मुआवजा की राशि खाते में नहीं डाल रहा। किसान का कहना है कि बीमा कंपनी के मैनेजर से मिलता हूं ताे उनका कहना हाेता है कि आपका फसल का नुकसान बैंक को भेज दिया हैं। 

बैंक मैनेजर से मिलता हैं तो वह कहते हैं कि पैसे हमारे पास नहीं आए जब आएगा तब खाते में डाल देंगे। किसान का कहना हैं दिसंबर में गेहूं की फसल का बीमा करने के लिए 16 हजार हजार काटे थे। फरवरी माह में अधिक पानी भरने की वजह से गेहूं की 15 एकड़ फसल खराब हो गई थी फसल नुकसान का भुगतान नहीं हुआ है। एेसे में अब किसान ने रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा और बेरी एमएलए डाक्टर रघुवीर कादयान से लोकसभा और विधानसभा में उसकी आवाज उठाने के लिए कहा है। वहीं आईसीआईसीआई बैंक झज्जर के मैनेजर पवन यादव का कहना है कि पीड़ित किसान की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। 

बेरी के विधायक बाेले, मामले काे विस में उठाउंगा 
बेरी के विधायक डाक्टर रघुवीर कादयान का कहना था कि प्रधानमंत्री फसल योजना किसानों के साथ बड़ा धोखा है। इससे पहले भी बहराना के किसानों को मुआवजा नहीं मिला था तो किसानों बहराना में बैंक के सामने धरना प्रदर्शन किया था। अब किसान मनोज मुआवजे के लिए चक्कर लगा रहा हैैैं। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी किसान को मुआवजा नहीं मिला किसान की समस्या विधानसभा में उठाएंगे। 
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