हजारों अध्यापक अब भी इंतजार कर रहे हैं नई जगह पदग्रहण के लिए

भोपाल। हजारों अध्यापक अंतरनिकाय संविलियन के तहत ट्रांसफर होकर (शिक्षा विभाग से ट्राइबल विभाग, ट्राईबल विभाग से शिक्षा विभाग एवं ट्राईवल विभाग से ट्राईवल विभाग के तहत कार्यमुक्त होकर नये जगह पर पदस्थापना की आज भी लड़ाई लड़ रहे हैं, परंतु ना तो हमारे प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इनकी परेशानी को समझ रहे हैं ना विभाग के मंत्री और ना ही विभाग इनकी परेशानी को समझ रहा हैं। ज्ञात हो कि इन दिनों प्रदेश के हजारों अध्यापक संवर्ग के शिक्षक आॅनलाईन अंतरनिकाय संविलियन के तहत स्थानांतरण होने के बाद भी कार्यमुक्त होने के लिए नई जगह पर पदस्थापना की आज भी लड़ाई लड़ रहे हैं। 

मप्र में अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण हेतु अंतरनिकाय संविलियन की आॅनलाईन प्रक्रिया शिक्षा विभाग के द्वारा दिनांक 15.09.2017 से प्रारंभ किया गया था। जिसके तहत अध्यापकों का आॅनलाईन फार्म भरके जिला शिक्षाअधिकारी एवं ट्राईवल विभाग के एसी से एनओसी प्राप्त कर लगभग 4141 अध्यापकों के स्थानांतरण सूची दिनांक 16.03.2018 को जारी कर दिये एवं समस्त जिला शिक्षाअधिकारी को आदेश जारी कर दिये कि सभी शिक्षकों के पदांकन आदेश जारी कर उन्हें कार्यमुक्त किया जाये एवं नए पदस्थापना वाले जगह पर ज्वाईनिंग दिया जाए परन्तु दिनांक 12.04.2018 को ट्राईवल कमिश्नर के द्वारा एक आदेश पारित किया गया कि ट्राईवल विभाग में शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए जिन अध्यापकों का स्थानांतरण ट्राईवल विभाग से शिक्षा विभाग में हुआ है, उन्हें कार्यमुक्त न किया जाये। इसी आदेश को आधार बनाकर शिक्षा विभाग ने भी एक आदेश दिनांक 16.04.2018 को पारित किया कि ट्राइबल से शिक्षा विभाग में आने वाले अध्यापकों पर रोक लगा दी।

अब हजारों अध्यापक और खासकर महिला अध्यापक इस मामले के सुलझने का इंतजार कर रहे हैं। मामला एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह की चौखट तक पहुंच गया है परंतु फिलहाल इसका कोई हल नहीं निकला है। कांग्रेस नेता दिनेश साहू का कहना है कि सीएम शिवराज सिंह की यह टालने वाली नीति उन्हे चुनाव में काफी नुक्सान पहुंचाएगी। 
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