इंदौर। कांग्रेस के लिए एकता और अनुशासन ठीक वैसे ही हैं जैसे राखी मां के लिए उनके करण-अर्जुन। मध्यप्रदेश में इन दिनों कांग्रेस के सबसे दिग्गज नेता पूरे प्रदेश के दौरे पर हैं। उन्होंने अपने दौरा कार्यक्रम को नाम ही दिया है 'एकता यात्रा।' दावा किया है कि मेरे करण-अर्जुन आएंगे और मैं लेकर आउंगा परंतु ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। उज्जैन में कांग्रेस के ब्लॉक व मंडलम स्तर की एकता का खुलेआम चीरहरण हुआ। नेताओं ने एक दूसरे को गंदी-गंदी गालियां दीं। हाथापाई हुई और यह सबकुछ मीडिया व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री और पर्यवेक्षक मुकेश काला के सामने।
बैठक में उमेश सेंगर सुझाव देने के लिए उठे तो शहर जिला अध्यक्ष महेश सोनी ने बैठने का ईशारा किया लेकिन वे सुझाव देने पर अड़ गए। यह देख पूर्व पार्षद व महेश सोनी के समर्थक कैलाश बिसेन और अन्य कार्यकर्ताओं ने उमेश को अध्यक्ष का सम्मान करते हुए अपने स्थान पर बैठने के लिए कहा। उमेश नहीं माने। उन्होंने कहा-जब सभी सुझाव दे रहे हैं तो मुझे क्यों रोका जा रहा है। सोनी नेे कहा-अपनी जगह पर बैठ जाओ। वरिष्ठों से चर्चा हो चुकी है। उमेश बोले -मेरा सुझाव सुनना पड़ेगा।
यह देख कैलाश बिसेन और उमेश आमने-सामने हो गए। कुछ देर बाद अध्यक्ष समर्थकों ने उमेश के साथ मारपीट शुरू कर दी। यह देख कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजेश पटेल को मोर्चा संभालना पड़ा। उन्होंने बीच-बचाव कर दोनों पक्षों को शांत करवाया। विवाद से क्षुब्ध महिदपुर की पूर्व ब्लाक अध्यक्ष रीता बड़गुर्जर ने नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कम से कम महिला की मौजूदगी का तो ध्यान रखें। बाद में पर्यवेक्षक काला ने इस घटनाक्रम को विधानसभा चुनाव में भाजपा से लड़ने की रिहर्सल बताया।
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