भारत के दक्षिण क्षेत्र की राजनीति के मुख्य स्तंभ एम करुणानिधि का निधन। NATIONAL NEWS

NEWS ROOM
दक्षिण की राजनीति के मुख्य स्तंभ और तमिलनाडु के 5 बार मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि का निधन हो गया है। कावेरी अस्पताल की ओर से 6:40 बजे जारी किए गए प्रेस रिलीज के अनुसार, करुणानिधि ने 6:10 बजे अंतिम सांस ली। लंबी बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। 94 वर्षीय द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सुप्रीमो करुणानिधि को पिछले महीने ब्लड प्रेशर का स्तर गिरने के कारण भर्ती कराया गया था। पहले उनका इलाज घर पर ही चल रहा था, लेकिन बाद में तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया। तब कावेरी अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया था कि बढ़ती उम्र के कारण ही करुणानिधि की तबीयत बिगड़ी है। उन्हें बार-बार बुखार आ रहा है।

इससे पहले उन्हें 18 जुलाई को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई।करुणानिधि 29 जुलाई से इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती थे जहां उनका इलाज चल रहा था। दक्षिण की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले करुणानिधि के बीमार होने और अस्पताल पहुंचने की खबर आते ही उनका हालचाल जानने वालों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। उनके बीमार होने की खबर सुनकर राज्य में कई लोगों की जान सदमे में जाने या फिर खुदकुशी करने की खबरें आई थीं।

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम अपने कई मंत्रियों और AIADMK के वरिष्ठ नेताओं के साथ करुणानिधि का हालचाल जानने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन से भी मुलाकात की। ऐसा पहली बार है कि जब AIADMK के नेता करुणानिधि के गोपालापुरम आवास पर पहुंचे थे।

5 बार मुख्यमंत्री रहे कलैगनार करुणानिधि से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, कमल हासन के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा समेत कई जानी-मानी हस्तियां मिलने पहुंची थीं।

इसी साल 3 जून को करुणानिधि ने अपना 94वां जन्मदिन मनाया था। 50 साल पहले 26 जुलाई, 1969 को उन्होंने डीएमके की कमान अपने हाथों में ली और तब से लेकर पार्टी के मुखिया बने रहे। करुणानिधि के नाम हर चुनाव में अपनी सीट न हारने का रिकॉर्ड भी रहा। वो पांच बार मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे। उन्होंने जिस भी सीट पर चुनाव लड़ा हमेशा जीत हासिल की थी। करुणानिधि ने 1969 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला था, इसके बाद 2003 में आखिरी बार मुख्यमंत्री बने थे.
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!