पढ़िए केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए आई विदेशी मदद से मोदी सरकार ने इंकार क्यों किया | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। केरल में आई भयंकर बाढ़ के बाद UAE ने मदद की पेशकश की है। यह रकम 700 करोड़ रुपए है और इससे केरल की लगभग सारी ताजा समस्याएं दूर हो सकतीं हैं परंतु पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मदद को केरल पहुंचने से रोक दिया। बताया गया है कि 2004 में गुजरात में सुनामी के वक्त भी विदेशी मदद की पेशकश हुई थी, तब पीएम मनमोहन सिंह ने इससे इंकार कर दिया था। 

केरल में आए विनाशकारी जलप्रलय में अब तक 350 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद देश के तमाम हिस्सों से मदद तो आ ही रही है, दुनिया के अन्य देश भी मदद की पेशकश कर रहे हैं लेकिन अन्य देशों से मदद को केंद्र सरकार ने 2004 के नीतिगत फैसले का हवाला देते हुए ठुकरा दिया है. सरकार के इस रुख पर अब केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने विदेशी मदद को स्वीकार करने का अनुरोध किया है।

विदेशी मदद स्वीकार नहीं करने के केंद्र सरकार के फैसले की विपक्ष आलोचना कर रहा है। केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने अपील की है कि 14 साल पुरानी इस परंपरा में ‘एक बार अपवाद’ को लागू कर विदेशी सहायता को मंजूर किया जाए। उन्होंने खासतौर पर संयुक्त अरब अमीरात द्वारा मदद की पेशकश को स्वीकार करने की अपील की है।

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक अल्फोंस ने कहा है कि पिछले 50 सालों के दौरान केरल ने विदेशी विनिमय के तौर पर भारी मात्रा में योगदान किया है। वास्तव में पिछले साल ही उससे 75,000 करोड़ आए हैं। इन कारणों से एक कनिष्ठ मंत्री के तौर पर मैं अपने वरिष्ठ मंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे राज्य के लिये खासतौर पर विचार करें। मैं उनसे इस नीति में एक बार अपवाद का अनुरोध करता हूं।
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