DELHI-BHOPAL: विस चुनाव से पहले चलेगी देश की पहली SEMI HIGH-SPEED TRAIN

नई दिल्ली। चुनावी पिटारे से भोपाल की पब्लिक के लिए एक और गिफ्ट निकलकर आसा है। देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन दिल्ली-भोपाल के बीच चलेगी और यह विधानसभा चुनाव से पहले चलेगी। इस ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर या इससे अधिक होगी और यह 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर दौड़ती नजर आएगी। हालांकि भाजपा का एक धड़ा चाहता है कि यह 25 दिसम्बर अटल जयंती के अवसर पर चलाई जाए। इस ट्रेन के लिए चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ट्रेन 18 के नाम से ट्रेनसेट के कोच तैयार किए जा रहे हैं। मेट्रो ट्रेनों की भांति इन ट्रेनों को खींचने के लिए अलग से इंजन लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि इनके हर डिब्बे में ईएमयू जैसी एक साथ ऑन-आफ होने वाली मोटरें लगी होंगी। 

हल्का रखने के लिए इन सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेनों की बॉडी को एलएचबी फ्रेम पर स्टेनलेस स्टील से तैयार किया गया है। तुरंत रफ्तार पकड़ने और तत्काल रुकने की खूबी के कारण इन ट्रेनों को स्टेशन पर स्टॉपेज लेने के लिए अतिरिक्त समय बर्बाद नहीं करना पड़ता है। यही वजह है कि सामान्य ट्रेनों के मुकाबले ये जल्दी अपने गंतव्य पर पहुंचती हैं।

सरकार ने सबसे पहले 2014 के रेल बजट में देश के नौ रूटों पर सेमी हाईस्पीड ट्रेने चलाने का ऐलान किया था। इनमें दिल्ली-आगरा, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-कानपुर, नागपुर-बिलासपुर, मैसूर-बंगलूर-चेन्नई, मुंबई-गोवा, मुंबई-अहमदाबाद, चेन्नई-हैदराबाद तथा नागपुर-सिकंदराबाद रूट शामिल थे। बाद में विशाखापत्तनम-भुवनेश्वर और नागपुर-बिलासपुर रूटों को भी इस स्कीम में जोड़ा गया। तदोपरांत 2017 के आम बजट में सरकार ने दिल्ली-मुंबई तथा दिल्ली-कोलकाता के दो लंबे व व्यस्त रूटों पर भी सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने का ऐलान कर दिया।

घोषणाओं पर अमल करते हुए रेलवे ने अप्रैल, 2016 में दिल्ली-आगरा के बीच 160 किलोमीटर रफ्तार पर गतिमान एक्सप्रेस (जिसका बाद में ग्वालियर और फिर झांसी तक विस्तार किया गया) के रूप में पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन चला दी थी। इसके बाद मुंबई-गोवा के बीच 'तेजस' एक्सप्रेस चलाई गई। लेकिन इस शानदार ट्रेन की स्पीड राजधानी से अधिक नहीं है। ऐसे में दिल्ली-भोपाल के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने का निर्णय एकदम नया और अप्रत्याशित है। यही वजह है कि इसे मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

नाम के अनुरूप ट्रेन 18 को इसी वर्ष चलाया जाना था। जून तक इसकी दो रेक तैयार होनी थीं। लेकिन किन्हीं कारणों से इसमें विलंब हुआ और ये अगस्त में जाकर पूरी तरह तैयार हो सकी हैं। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब सितंबर से दिल्ली-भोपाल रूट पर इनका ट्रायल होगा। 

कुछ महीनों के ट्रायल के बाद इसको औपचारिक रूप से चलाया जाएगा। माना जाता है कि ये तारीख महात्मा गांधी की जन्म जयंती 2 अक्टूबर, अथवा पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्‍‌न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती 25 दिसंबर हो सकती है। वाजपेयी का ग्वालियर से गहरा नाता था।

अधिकारी ने कहा कि ट्रेन 18 के लिए दिल्ली-भोपाल रूट का चयन करने के पीछे मजबूरी है। क्योंकि फिलहाल केवल यही रूट 160 किलोमीटर की रफ्तार के उपयुक्त है। बाकी कोई रूट इस स्पीड के लिए तैयार नहीं है। दिल्ली-चंडीगढ़ रूट भी नहीं, जिसे 200 किमी रफ्तार के योग्य बनाने के लिए काम चल रहा है।

ट्रेन 18 रेकों का प्रारूप वातानुकूलित चेयरकार वाला है। इसलिए इन्हें शताब्दी और तेजस के रूटों पर चलाया जाएगा। ये अलग बात कि इनका डिजाइन, आंतरिक साज-सज्जा और सुविधाएं 'तेजस' ट्रेनों को भी मात देने वाली हैं। 
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !