भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब तक अपने बयानों में महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी दिया करते थे परंतु राजधानी भोपाल में मूक-बधिर बालिकाओं के साथ हुए यौन शोषण कांड के बाद अब उनके बयानों में भी निराशा नजर आने लगी है। आज प्रेस को दिए बयान में उन्होंने कहा कि सरकार यह सोचकर अनुदान देती हैं कि संस्था अच्छा काम कर रही है लेकिन यहां तो कौन वहसी कहां बैठा हो नहीं पता। इससे पहले बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में शिवराज सिंह ने महिलाओं के प्रति यौन अपराध के सबसे ज्यादा मामलों पर कहा था कि उन्हे तो सबसे ज्यादा अशीर्वाद महिलाओं का ही मिल रहा है।
पत्रकारों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार यह सोचकर अनुदान देती हैं कि संस्था अच्छा काम कर रही है लेकिन यहां तो कौन वहसी कहां बैठा हो नहीं पता। ऐसी घटनाओं से मन व्यथित हो जाता है। आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले इसके दिए निर्देश दिए गए है। वहीं अनाथालय नियमित मॉनिटरिंग के लिए भी निर्देश दिए गए है। सीएम ने कहा कि लड़कियों के होस्टलों का हर महीने निरीक्षण किया जाएगा। अब केवल संस्था के भरोसे अनाथालय नहीं चलेंगे। प्रायवेट हॉस्टल के लिए भी नियम बनाए जाएंगें। इस घटना में अपराधी को कड़ी सजा मिले उसकी कार्रवाई कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया के बाद मप्र की राजधानी भोपाल के अवधपुरी इलाके में स्तिथ मूक-बधिर बच्चों के हॉस्टल में भी शर्मनाक कृत्य हुए है। यहां रहने वाली एक बच्ची हॉस्टल संचालक की शिकार हुई है। बता दे कि अवधपुरी स्थित क्रिस्टल आइडल सिटी निवासी 35 वर्षीय अश्विनी शर्मा अवधपुरी इलाके में दो छात्रावास संचालित करता है। इनमें से एक मूक-बधिर बालिकाओं का है। इसे सामाजिक न्याय विभाग से अनुदान मिलता है।
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