मामाजी, पटवारी भर्ती की तरह पुलिस भर्ती में भी राहत दे दो | KHULA KHAT @ CM SHIVRAJ SINGH

Bhopal Samachar
महोदय जी, भोपाल समाचार की तरफ से मुख्यमंत्री जी श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी, मामाजी से निवेदन है कि मामाजी ने भांजियों को मतलब हमारी बहनों को तो ऊॅचाई में छूट दे दी है। 3 सें.मी. की इस बार की भर्ती 2018 से। लेकिन भांजों के लिए भी कृपा कीजिए मामाजी। इस वर्ष 2018 में म.प्र. पुलिस आरक्षक भर्तीे के फिजिकल में राहत दीजिए। फिजिकल मापदण्ड को झारखण्ड पुलिस, उ.प्र. पुलिस की तरह या आर्मी भर्ती जैसा फिजिकल म.प्र राज्य की पुलिस भर्ती में भी फिजिकल बदलने की कृपा कीजिए। म.प्र. में ओवरऐज हो रहे आवेदको में एक नई आशा आऐगी कि कम से कम इस बार 2018 में तो पुलिस में भर्ती हो ही जाऐगें। 

पटवारी की तरह, म.प्र. पुलिस भर्ती 2018 के लिए अगर अभ्यर्थी 2 मिनिट 45 सैकेण्ड में दौड़ निकाल लेता है तो ठीक। नहीं तो 2 साल में दौड़ निकाल कर दे दो। नहीं तो 2 साल समाप्त होते ही पद खाली करों।  कृपा कीजिए मुख्यमंत्री मामाजी अपने भांजो पर। पुलिस की भर्ती मे मैनें भी लगातार 4 बार 2012 से 2016 तक, व्यापम द्वारा म.प्र. पुलिस आरक्षक संवर्ग परीक्षा पास की है। और संविदा भर्ती अभी तक आयी नहीं 2011 के बाद से अभी तक एवं बी.एड. 3 बर्ष पूर्व करके बैठा ही हॅू। 

वन विभाग में वनरक्षक पद का फिजिकल आसान है लेकिन विभाग जिलेवार पद निकालकर जिलेवार ही मेरिट बनाता है। जिससे किसी जिले में 65 पर क्वालीफाई होता है तो किसी जिले में 70 पर। किन्तु 69 या 68 अंक पाने वाला अभ्यर्थी का तो कुछ नहीं बस बेरोजगार ही है। लेकिन पुलिस की भर्ती में पूरे म.प्र. से, लेकिन जिला, च्वाइस फिलिंग के बाद, मेरिट के आधार पर मिलते है।  
सभी अभ्यर्थियों से निवेदन है कि अगर मामाजी ने पुलिस भर्ती में फिजिकल बदल दिया तो इसके बाद।

बस एक हीे बात
ओवरऐज हो रहे लोगों के लिए बस एक ही बात, पुलिस में अभी नहीं लगे तो कभी नहीं लगे। यही पहला और यही आखिरी मौका होगा म.प्र. पुलिस वर्दी पहनने का।
म.प्र. के आवेदकों से एक बात जरूर कहना चाहूॅंगा। डिग्रीधारी आवेदकों को भी हक है आरक्षक का पेपर देने का लेकिन भाईयों जब आपको उस पद पर जाना ही नहीं है तो परीक्षा भी न दें। डिग्रीधारी आवेदक सिर्फ अपना लक आजमाने या मेरिट में आने के लिए पेपर देते है आरक्षक का और फिजिकल के लिए केन्द्र पर उपस्थित नहीं होते है। ऐसे लोग किसी कमजोर अभ्यर्थी की सीट न छींने जो मात्र 1 या 2 नम्बर से रह गया हो। फिर चाहे वह कमजोर अभ्यर्थी फिजिकल में क्वालीफाई हो या न हो, कम से कम उसे मौका तो मिलेगा।
धन्यवाद्
Satyaveer Kadam
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