भोपाल। मध्यप्रदेश में आदिवासियों की राजनीति में उबाल आ गया है। लम्बे समय से आदिवासियों के बीच काम करते हुए अपनी गहरी पैठ बनाने का दावा करने वाले संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति 'जयस' के एक प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार देर शाम सीएम शिवराज सिंह से मुलाकात की। उन्होंने 25 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा परंतु खबर आ रही है कि सीएम शिवराज सिंह ने उनकी मांगों को ठुकरा दिया है। इधर कांग्रेस भी आदिवासी दलों से गठबंधन के लिए तो तैयार है परंतु कमलनाथ कोई घोषणा करने के लिए राजी नहीं हैं।
आदिवासी संगठन के मुताबिक धामनोद में विस्थापन रोकने समेत कई मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा है और 9 अगस्त तक सरकार कोई फैसला नहीं करती है तो जायस के बैनर तले आदिवासी युवकों को 2018 के चुनाव में उतारा जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री ने जयस की मांग को ठुकरा दिया है इसके बाद आदिवासी संगठन जयस की मांगों को लेकर सियासत तेज हो गई है।
जयस की मांग
5वीं अनुसूचि के सभी प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए।
वन अधिकार कानून 2006 के सभी प्रावधानों को धरातल पर लागू किया जाए।
जंगल में रहने वाले आदिवासियों को स्थायी पट्टा दिया जाए।
ट्राइबल सब प्लान के पैसे अनुसूचित क्षेत्रों की समस्याओं को दूर करने में खर्च हों।
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