ग्वालियर: साइबर पुलिस अधिकारी तक लोकेंटो वेबसाइट पर ग्वालियर के युवकों द्वारा सेक्स कारोबार की सूचना लगभग छह माह पहले पहुंची थी। सूचना में ग्वालियर वाली सीरीज के मोबाइल नंबर थे। लोकेंटो वेबसाइट पर फोन नंबर देकर सेक्स के लिए लड़कियां सप्लाई करने वाले गिरोह का मंगलवार को साइबर पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। पकड़ा गया रैकेट गोवा व अन्य शहरों में भी ऑन डिमांड लड़कियां भेजता था। लड़की की बुकिंग के लिए रैकेट के सदस्य 2500 से 12 हजार तक शुल्क लेते थे। ग्राहकों से शुल्क यह पेटीएम के माध्यम से भी लेते थे। कोई ग्राहक लड़की को अपनी पसंद की ड्रेस में भेजने की डिमांड करता है तो ड्रेस के कीमत के अलावा अतिरिक्त चार्ज भी वसूलते थे। पुलिस ने विश्वविद्यालय के पास भरत मार्केट के पास स्थित एक मकान से तीन लड़कियों व दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़ी गईं युवतियों में से दो को असम से नौकरी के नाम पर लाया गया था और उन्हें यहां सेक्स वर्कर बनाया गया था।
युवतियां असम की हैं और बीते चार माह से ग्वालियर में रहकर रैकेट के साथ काम कर रही थीं। पुलिस ने दोनों लड़कियों के परिजन से संपर्क कर सूचना दे दी है। सेक्स रैकेट चलाने वाला मोनू साहू निवासी डबरा, कुलदीप सिंह तोमर निवासी बहोड़ापुर व वर्षा राठौर पश्चिम बंगाल की रहने वाली है और उसने उरवाई गेट निवासी बंटी राठौर से शादी की है, जो रैकेट में शामिल है। पकड़ा गया कुलदीप गोवा में सुरक्षा गार्ड की नौकरी भी कर चुका है। पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि बंटी फरार है। वहीं पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर विशेष न्यायाधीश आरके जैन की कोर्ट में पेश किया, जहां से कुलदीप सिंह, मोनू साहू व वर्षा राठौर को 14 अगस्त तक के लिए जेल भेज दिया गया।
रैकेट के सरगना मोनू व कुलदीप लंबे समय से ग्वालियर छोड़कर गोवा व अन्य शहरों में रह रहे थे। दोनों युवक लोकेंटो वेबसाइट के माध्यम से फोन पर मिलने वाली लड़कियों की बुकिंग की सप्लाई करते हुए दूसरे शहरों में रहते थे। ग्वालियर-चंबल सहित अन्य शहरों से गोवा जाने वाले पर्यटकों के लिए बुकिंग पर लड़की की व्यवस्था पहले ही करा देते थे।
पकड़ी गई दोनों युवतियों को पुलिस ने पीड़ित बनाया है, जबकि सूत्रों के अनुसार, यह युवतियां एक साल से ग्वालियर में हैं और दिल्ली से अाई थीं। दिल्ली में यह राजू के साथ मिलकर यही काम करती थी। राजू ने मोनू व कुलदीप के साथ ग्वालियर भेजा। मंगलवार को दोनों युवतियों को मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया, लेकिन दोनों ने परीक्षण कराने से यह कहते हुए मना कर दिया वह लंबे समय से यह काम कर रही हैं। इस पर डॉक्टर ने यह भी कहा कि फिर तो एचआईवी परीक्षण भी करना पड़ेगा।
यह सूचना साइबर टीआई मिर्जा आसिफ बेग को दी गई। संजय शर्मा, पवन शर्मा को वेबसाइट पर दिए नंबर पर संपर्क करने के लिए तैनात किया गया। महिला एसआई नीलम श्रीवास्तव व आरक्षक कविता बाथम को भी रैकेट में शामिल युवतियों से बात कर पकड़ने की जिम्मेदारी दी। इसके बाद पुलिस अनिल शर्मा, अंकुर बुधोलिया, हरनारायण, दयाशंकर, पुष्पेंद्र, भूरी बाई की टीम ने रैकेट की घेराबंदी कर पकड़ा।