दमोह। अपने साथ हुए अत्याचार के विरोध में मजदूरों के एक समूह ने तेंदुखेड़ा में चक्काजाम कर दिया। इसमें महिला श्रमिक भी शामिल थीं। जाम खुलवाने आई पुलिस टीम को मजदूरों ने चारों तरफ से घेर लिया। मजदूरों के हाथों में लाठियां और महिलाओं के हाथों में चप्पलें थी। जान बचाने के लिए पुलिस वाले यहां वहां भागे। एक पुलिस वाला तो नाले में ही कूद गया। इस दौरान मंत्री जालम सिंह भी वहां से गुजरे परंतु मजदूरों ने उन्हे भी घेर लिया।
क्यों भड़के मजदूर
गुरुवार देर रात पुलिस ने चैकिंग के दौरान मज़दूरों से भरी गाड़ी रोक कर चालान काटा था। मज़दूरों का कहना है कि पुलिस वाले उन्हें थाने ले गए और मारपीट की। महिलाओं से दुर्व्यवहार किया गया। बस इससे गुस्साए मज़दूर शुक्रवार सुबह होते ही दमोह जबलपुर स्टेट हाइवे पर जमा हो गए। पुलिस के पहुंचते ही पहले तो उन्होंने बहस की और फिर चारों ओर से घेर लिया।
जान बचाने यहां-वहां भागे पुलिस वाले
मज़दूर हाथ में लाठियां लिए हुए थे। वो पुलिस वालों को बख़्शने के मूड में नहीं थे। देर तक दोनों तरफ से झूमाझटकी और धक्का-मुक्की होती रही। महिलाओं ने चप्पलें उतार लीं। चारों ओर से खुद को घिरता देख पुलिस वाले जान बचाकर भागे। मज़दूर उनके पीछे भागे। एक पुलिस वाले ने नाले में कूदकर अपनी जान बचायी।
मंत्री जालम सिंह को भी रास्ता नहीं दिया
उसी दौरान मंत्री जालम सिंह का काफ़िला वहां से गुज़रा लेकिन हालात इस कदर बिगड़ चुके थे कि मज़दूरों ने उनकी गाड़ी भी नहीं निकलने दी। जालम सिंह ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने। हालात को देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर भेजा गया।
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