सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल: हादसा हुआ तो पलट गए CM और कलेक्टर | MP NEWS

भोपाल। सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल में आई बाढ़ और 09 मौतों ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। जब 50 पर्यटक बाढ़ में फंसे थे तब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल को पर्यटक स्थल मानने से ही इंकार कर दिया था। शिवपुरी कलेक्टर शिल्पी गुप्ता ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए घटना स्थल को उनके अधिकार क्षेत्र से ही बाहर बता दिया था लेकिन दोनों की पोल खुल गई। जहां शव मिले वो शिवपुरी जिले के राजस्व का इलाका है और सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल की ब्रांडिंग तो खुद शिवराज सरकार करती आई है। वो पर्यटकों से अपील करती आई है कि सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल में प्राकृतिक झरने का आनंद लें। 

सरकारी बेवसाइट पर लिखा है सुल्तानगढ़ पर्यटक स्थल है

शिवपुरी जिले की आधिकारिक सरकारी बेवसाइट पर जिले के प्रमुख हेरिटेज एवं पर्यटन स्थलों की सूची में सुल्तानगढ़ जल प्रपात भी शामिल है। मनोरम दृश्य बताकर पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है। जबकि शिल्पा गुप्ता, कलेक्टर, शिवपुरी बयान दे रहीं हैं कि 'सुल्तानगढ़ जल प्रपात पर्यटन स्थल नहीं है, वह वन क्षेत्र है। प्रशासन की बेवसाइट पर किस रूप में अपलोड किया गया है। इसकी जानकारी ली जाएगी। सुल्तानगढ़ पर्यटन स्थल नहीं है।' वनविभाग का कहना है कि उसकी सीमा तो जलप्रपात से 300 फीट पहले ही खत्म हो जाती है। वनविभाग ने वहां बोर्ड भी टांग दिया है। दूसरी बड़ी बात यह कि क्या शिल्पी गुप्ता तय करेंगी कि शिवपुरी के पर्यटक स्थल कौन से हैं और कौन से नहीं। जिम्मेदारी से बचने के लिए कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर नेताओं की तरह बयान दे रहीं हैं। 

क्या कहा था शिवराज सिंह ने 
शिवपुरी हादसे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस सुल्तानगढ़ वाटरफॉल में खतरनाक हादसा हुआ,वह कोई नियमित पर्यटन स्थल नहीं है। वहां एडवेंचर के भाव से लोग चले जाते हैं, भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के पर्यटन केंद्रों की लिस्ट में भी सुल्तानगढ़ का नाम है। यही कारण है कि देश भर की प्राइवेट पर्यटन गाइड बेवसाइट्स में सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल के बारे में जानकारियां दी गईं हैं। 

घटना की सूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंची थी कलेक्टर
इस मामले में शिवपुरी कलेक्टर शिल्पी गुप्ता की बड़ी लापरवाही सामने आई है। वो घटना की सूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंची थी। शिवपुरी एसपी राजेश हिंगणकर ने पहुंचकर मोर्चा संभाला। फिर ग्वालियर एसपी नवनीत भसीन आए। जब ग्वालियर कमिश्नर रवाना हुए तब शिवपुरी कलेक्टर घटना स्थल पर पहुंची। यदि कलेक्टर शिल्पी गुप्ता समय रहते घटना स्थल पर पहुंच जातीं तो सेना का रेस्क्यू आॅपरेशन काफी पहले शुरू हो जाता और 45 लोगों की जान जोखिम में ना होती। 
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