रायपुर/भोपाल। राहुल गांधी और मायावती के बीच क्या बातचीत चल रही है और उत्तरप्रदेश में आरएसएस के रणनीतिकार मायावती तक क्या संदेश पहुंचा पाए हैं, इसके इतर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीएसपी नेता कुछ और ही मूड बनाए बैठे हैं। वो चाहते हैं कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा किसी भी पार्टी से चुनाव पूर्व गठबंधन ना करे। 4 राज्यों के चुनाव वैसे भी 2019 के आमचुनाव का पूर्वानुमान होंगे, अत: नतीजों के बाद तय किया जाए कि किस पार्टी के साथ जाना है। दरअसल, दोनों राज्यों के नेता कर्नाटक रिटर्न की तैयारी कर रहे हैं।
रायपुर में प्रदेश प्रभारी अशोक सिद्धार्थ ने विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बसपा के बिना कोई सरकार नहीं बनेगी।बसपा कार्यकर्ता सभी 90 सीटों को लेकर तैयार हैं। इधर मध्यप्रदेश में भी इस तरह के बयान सामने आ चुके हैं। दोनों राज्यों के नेताओं का टारगेट है कि वो यदि दोनों राज्यों में 10 से 15 सीटें जीत जाते हैं तो निर्णायक भूमिका में होंगे और दोनों राज्यों की स्थिति कर्नाटक जैसी हो जाएगी।
क्या हुआ था कर्नाटक में
कर्नाटक में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था। कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी और भाजपा के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। कर्नाटक में भाजपा को 104 सीटें मिलीं और कांग्रेस 78 पर सिमटकर रह गई। तीसरे नंबर पर थी जनता दल (सेक्युलर) (जदएस) जिसे मात्र 37 सीटें मिलीं। भाजपा को सत्ता में जाने से रोकने के लिए 78 सीटों वाली कांग्रेस को 37 सीटों वाली जनता दल (सेक्युलर) को समर्थन देना पड़ा और कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) का नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।
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