ग्वालियर: भारत बंद को लेकर गुरुवार को ग्वालियर में माहौल शांतिपूर्ण रहा। कड़े सुरक्षा पहरे में कहीं भी किसी घटना या विवाद की शिकायत सामने नहीं आई। 15 अगस्त तक शहर के तमाम क्षेत्रों को सुरक्षा बल के पहरे में ही रखा जाएगा ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। गौरतलब है कि 2 अप्रैल को हुई हिंसा में नामजद एससी-एसटी वर्ग के लोगों से केस वापस लेने के लिए दलित संगठनों ने सोशल साइट्स पर 9 अगस्त को भारत बंद की पोस्ट डाली थीं। इसके बाद से लगातार सतर्कता बरती जा रही है। जिला एवं पुलिस अधिकारियों ने पूरा दिन शांतिपूर्ण बीतने के बाद राहत की सांस ली है लेकिन फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई नहीं बरती जाएगी। सुरक्षा को लेकर सबसे ज्यादा फोकस थाटीपुर, मुरार व गोले का मंदिर थाना क्षेत्र में रहा। क्योंकि, खुफिया रिपोर्ट में इन्हीं क्षेत्रों को संवेदनशील बताया गया है।
गुरुवार को बंद रखने की सूचनाएं सोशल साइट्स पर पिछले कई दिनों से चल रही थीं। आंदोलन व हिंसा की सूचनाओं के बीच जिला व पुलिस प्रशासन ने बुधवार से ग्वालियर-डबरा में धारा 144 लागू कर दी, जो कि 13 अगस्त को रात 12 बजे तक रहेगी। थाटीपुर, गोले का मंदिर, मुरार के संदिग्ध क्षेत्रों को सूची में शामिल रखा। ड्रोन कैमरे व अन्य संसाधनों से इन क्षेत्रों में निगरानी रखी जा रही है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी भी प्रकार के बंद को सिर्फ अफवाह बताया था। लेकिन 2 अप्रैल को हुई हिंसा से भयभीत लोगों ने गुरुवार को सुबह से रोजाना के समय पर अपनी दुकानें नहीं खोलीं। वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों ने छुट्टी घोषित कर दी थी। जब आंदोलन बेअसर दिखा तो दोपहर से बाजार खुल गए। लश्कर व ग्वालियर में रोजाना की तरह बाजार खुल चुके थे।
ग्वालियर जिले में 13 अगस्त तक धारा 144 लागू रहेगी। प्रशासन ने वार्ड नंबर 21, 22, 24, 28 व 29 को संवेदनशील व संदिग्ध क्षेत्रों की सूची में रखा है। अधिकारियों ने प्लानिंग की है कि इन क्षेत्रों में अभी भी सुरक्षा व्यवस्था गुरुवार की तरह ही बनी रहेगी। इसके अलावा शहर के दूसरे हिस्सों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी जाएगी।
बंद का असर जेएएच की ओपीडी पर देखने को मिला। यहां ओपीडी आमतौर पर 2000 से अधिक रहती है। बुधवार को ओपीडी में महज 1375 मरीज ही दिखाने आए। जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल हजीरा की ओपीडी में भी मरीज रोज की तुलना में कम आए।
गुरुवार को जिले में कहीं भी कोई विवाद या घटना की स्थिति नहीं बनी। जो संवेदनशील क्षेत्र हैं, उनमें सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम अभी की तरह ही रहेंगे। संदिग्ध लोग व क्षेत्रों पर निगरानी रखी जा रही है। - संदीप करेकेट्टा, एडीएम