अहमदाबाद। गुजरात के खेड़ा जिले में नाएका और भेराई के बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान हथेली पर रखनी पड़ रही है, जिसका कारण है दोनों गांवों को जोड़ने वाला पुल. नाएका और भेराई गांव को जोड़ने वाला पुल लगभग दो महीने से टूटा हुआ है, जिसके कारण बच्चे पुल को सहारा देने वाले पिलर्स पर कूद-कूदकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। दरअसल, नाएका और भेराई गांव को जोड़ने के लिए एक मात्र पुल ही रास्ता है। पिछले दो महीनों से यह पुल टूटा पड़ा है, जिसके कारण बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी आ रही है। अगर बच्चे इन पिलर्स के सहारे रास्ता पार नहीं करेंगे तो उन्हें 10 किलोमीटर घूमकर स्कूल पहुंचना होगा, जो कि संभव नहीं है। छात्र और गांव के अन्य लोग 10 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाने की बजाय नाले और पिलर्स के सहारे ही दूसरी तरफ जा रहे हैं।
9 फीट ऊंचे पर है नाला
न्यूज एजेंसी ANI की ओर से जारी वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे तीन शख्स पिलर्स पर खड़े होकर बच्चों की जान जोखिम में डालकर उन्हें रास्ता पार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस नाले की ऊंचाई लगभग 9 फीट है। वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि अगर तीनों शख्स में किसी एक से भी थोड़ी सी चूक होती है तो बच्चे सीधा नाली में गिरेंगे और शायद उन्हें बचाना मुश्किल हो. ग्रामीणों का कहना है कि वह प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार पुल बनाने के लिए आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई ना होने के कारण वह बच्चों की जान जोखिम में डालकर उन्हें स्कूल भेजने को मजबूर हैं।
बारिश के कारण नहीं बन पाया पुल
वहीं, दोनों गांवों को जोड़ने वाले इस पुल के निर्माण के बारे में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि बारिश के कारण पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जैसे ही बारिश थमती है और जमीन सूखती है वैसे ही पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, ताकि लोगों आसानी से आ जा सके।
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