नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने वित्त मंत्री पीयूष गोयल से आयकर अधिनियम में संशोधन करने का आग्रह किया है। उन्होंने मांग की है कि पत्नियों या बहुओं को मिलने वाले उपहारों (GOLD/PROPERTY/CASH/FD) पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए। मेनका ने ट्वीट कर कहा, "एक समाज के रूप में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना हमारा दायित्व है। महिलाओं, विशेष रूप से पत्नियों और बहुओं के कई अनुरोधों के बाद मैंने वित्त मंत्री से आयकर अधिनियम की धारा 64 पर विचार करने और उचित रूप से संशोधन करने का आग्रह किया है।
फिलहाल उपहार से आय पर लगता है कर
आयकर की धारा 64 के तहत अगर कोई पति अपनी पत्नी को उपहारस्वरूप संपत्ति देता है और उस संपत्ति से पत्नी को कुछ आय होती है तो उस आय को भी पति के कर में जोड़ दिया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने सोमवार देर रात ट्वीट कर कहा,"यह प्रावधान मूल रूप से 1960 के दशक में इस धारणा के तहत तैयार किया गया था कि पत्नियों और बहुओं के पास आमतौर पर कोई स्वतंत्र कर योग्य आय नहीं होती। मेनका गांधी ने कहा कि इस अधिनियम का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है क्योंकि वर्तमान में महिलाएं आर्थिक रूप से अधिक स्वतंत्र हो रही हैं।
उपहार देने में डरते हैं परिजन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल पति और दामाद अपने परिवारों में महिलाओं को संपत्तियों स्थानांतरित करने में डरते हैं। उन्हें लगता है कि कहीं ऐसा करने से परिसंपत्ति से अर्जित आय के चलते महिलाएं आयकर के चक्कर में न फंस जाए। क्योंकि ऐसा होने पर यह उपहार उन पर बोझ बन जाएगा।
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