VIRAT KOHLI अंतरराष्ट्रीय में खेलने के लिए 100% FITNESS के साथ तैयार

NEW DELHI: भारतीय कप्तान विराट कोहली चोटिल होने के कारण इंग्लैंड दौरे से पहले काउंटी क्रिकेट में नहीं खेल पाए लेकिन इस स्टार बल्लेबाज ने आज कहा कि इससे उन्हें फायदा ही हुआ.कोहली ने टीम के ब्रिटिश दौरे पर रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘अगर देखा जाए तो यह मेरे लिए सबसे अच्छी चीज हुई. मैं वहां जाकर परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना चाहता था, क्योंकि वहां हमने बहुत अधिक मैच नहीं खेले हैं और हम चार साल बाद वहां खेलने जा रहे हैं. ऐसे में आप भूल जाते हो कि जब आप वहां आखिरी बार खेले थे तो परिस्थितियां कैसी थी.’

कोहली ने कहा, ‘मैं वहां 90 प्रतिशत की फिटनेस के साथ जाता बजाय 110 प्रतिशत फिट होकर जैसा कि अभी मैं महसूस कर रहा हूं. मैं वर्तमान की स्थिति को चाहता क्योंकि मुझे दौरे के लिए तरोताजा रहने की जरूरत है. हालांकि ऐसा मेरा इरादा नहीं था, लेकिन यह मेरे लिए सबसे अच्छी बात हुई. मुझे लगता है कि कई लोगों को लंबे समय से इंग्लैंड के पिछले दौरे की ही याद है. मुझे लगता है कि इस बीच हम चैंपियंस ट्रॉफी (2017) में खेले थे और इसका आयोजन बांग्लादेश में नहीं किया गया था.’ भारतीय टीम जब 2014 में इंग्लैंड दौरे पर गई थी तो कोहली का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. जेम्स एंडरसन के सामने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर उनकी क्षमता पर सवाल उठाए गए और वह एक भी अर्धशतक नहीं जमा पाए थे. ‘

कोहली से जब इस दौरे में लक्ष्यों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड के पिछले दौरे में भी मुझसे यह सवाल किया गया था. मैंने कहा था कि मैं वहां के दौरे का लुत्फ उठाऊंगा. मैं जानता हूं कि जब मैं अपने रंग में होता हूं तो अच्छा खेलता हूं. मैं अन्य लोगों की तरह नहीं सोचता कि मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है. मैं जानता हूं कि मुझे वहां कैसी चुनौती मिलेगी.’

भारतीय कप्तान ने स्पष्ट किया कि वह डब्लिन में 27 जून को आयरलैंड के खिलाफ होने वाले पहले टी-20 अंतरराष्ट्रीय में खेलने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं 100 प्रतिशत तैयार हूं. मैं फिटनेस टेस्ट से भी गुजरा और मैं अब अच्छा महसूस कर रहा हूं. इस तरह से विश्राम से आप फिर से मैदान पर उतरने के लिए उत्साहित रहते हो.’कोहली से पूछा गया कि टीम की रणनीति क्या होगी तो उन्होंने कहा, ‘रणनीति पिछली सीरीज की तरह ही होगी. सीरीज दर सीरीज रणनीति नहीं बदलती है. केवल उन लोगों के साथ ऐसा होता है, जिनमें धैर्य की कमी होती है. अगर मैं आप लोगों की तरह सोचना शुरू कर दूंगा तो समस्या हो जाएगी.’

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