भोपाल। मध्यप्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत 1.84 लाख संविदा कर्मचारियों के लिए वेतन का नया फार्मूला बना लिया है। इसके अनुसार संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले सातवें वेतन के न्यूनतम का 90 फीसदी वेतन मिलेगा। कैबिनेट में बीते मंगलवार को लिए गए फैसले के बाद शासन ने नए नियमों का खाका भी बना लिया है। इसमें नियमित पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा देने का भी प्रावधान है। ऐसी परीक्षाओं में संविदा कर्मचारियों को 20 प्रतिशत के बोनस अंक दिए जाएंगे।
महासंघ नाखुश कहा- 15-20 साल वालों का क्या होगा?
सरकार द्वारा तय नए नियमों एवं वेतन फार्मूले से संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ नाखुश है। प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि इसमें वरिष्ठता को तवज्जो ही नहीं दी गई। 15-20 साल से कार्यरत व नए कर्मचारियों को एक समान वेतन मिलेगा। पुराने कर्मचारियों का वेतन वरिष्ठता के आधार पर तय करना चाहिए।
जो पहले से नियमित पदों के विरुद्ध काम कर रहे थे, कम से कम उन्हें तो रेगुलर कर देना था। सरकार ने वादा खिलाफी की है। बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। इन कर्मचारियों के लिए यह कवायद तीन महीने से चल रही थी। इसके लिए जीएडी ने तीन बार मसौदा बदला। पिछली कैबिनेट में ही अंतिम मसौदा रखा गया।
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