ट्रांसफर पीडित अध्यापकों ने कहा: कार्य मुक्ति से रोक हटाए या इच्छा मृत्यु की अनुमति दें

भोपाल। अध्यापक संवर्ग के हाईस्कूल एवं हायर सेकण्ड्री आदिवासी क्षेत्र से गैर आदिवासी क्षेत्र एवं गैर आदिवासी क्षेत्र एवं आदिवासी क्षेत्र से आदिवासी क्षेत्रों में तबादलों पर लगी रोक हटवाने के लिए राजधानी भोपाल के शहजहांनी पार्क में सैकडों अध्यपकों ने धरना दिया। धरने पर बैठे अध्यापकों ने रोष प्रकट करते हुए सामूहिक रुप से कहा कि कार्यमुक्ति पर लगी रोक को हटाया जाए या उन्हे इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए। दोपहर को धरने पर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंची और अध्यापकों के एक प्रतिनिधी मंडल को मुख्यमंत्री निवास और राज्यपाल निवास पर ले जाकर ज्ञापन दिलवाया गया। 

प्रतिनिधी मंडल ने यहां अधिकारियों को ट्रांसफर पर लगी रोक की वजह से हो रही परेशानियों से अवगत कराया। अधिकारियों ने प्रतिनिधी मंडल को इस मामले को शीघ्र निपटाने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधी मंडल में किशोर तिवारी, राजेन्द्र सिंह धाकड, योगेश राठौर, श्रद्धा, जितेन्द्र धाकड शामिल हुए। अध्यापक राजेन्द्र सिंह धाकड ने यदि कहा सरकार एक हफ्ते के अंदर कार्य मुक्ति पर लगी रोक नही हटाती है तो विधानसभा सत्र को दौरान अध्यापक फिर आंदोलन करेंगे।

तृतीय वर्ग, अध्यापक संघ मध्यप्रदेश के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने दिनांक 12/04/2018 के आदेश को निरस्त करने की मांग कि क्योकि उक्त दिनांक के आदेश की वजह से आदिवासी क्षेत्र से गैर आदिवासी क्षेत्र में, गैर आदिवासी क्षेत्र से आदिवासी क्षेत्र में एवं आदिवासी क्षेत्र से आदिवासी क्षेत्र में नही हो पा रहे है अध्यपाको ने तबादलों पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर विभागीय अधिकारियों एवं मंत्री महोदय को ज्ञापन भी सौंप चुके है। बावजूद इसके तबादलों पर से रोक नही हटी है।

रोक नही हटी तो मेरा घर टूट जायेगा- मांगी इच्छा मृत्यु

अध्यापक संगीत नोरोगी ने बताया कि सास को आंखो से नही दिखता ससुर हार्ट के मरीज है मेरी सास बच्चो को संभाल नही सकती है न खाना बना सकती है एक मै ही हू जो परिवार को संभाल सकती हू इस वजह से मेरा परिवार अस्त व्यस्त है अगर ट्रांसफर नही होता है तो मै और मेरा परिवार टूट जायेगा। अध्यापक श्रद्धा श्रीवास्तव ने बताया कि उनका ट्रांसफर हो गया लेकिन उन्हे कार्यमुक्ति नही मिली श्रद्धा तीन साल के बच्चे के साथ झाबुआ में रहती है और पति भोपाल में रहते है  इस वजह से बच्चे का लालन पालन सही नही हो पा रहा है  वो अब दुविधा में है कि पांच साल के बाद नौकरी छोडे या परिवार छोडे श्रद्धा ने सरकार से निवेदन है किया है कि या तो कार्यमुक्ति से रोक  हटाए या इच्छा मृत्यु दे दे।

ये हुए शमिल

किशोर तिवारी, राजेन्द्र सिंह धाकड, जितेन्द्र धाकड, सुशील तोमर, योगेश राठौर, शहनाज खान, निवेदिता, संजय मिश्रा, दिलीप तोमर, सहित बडी संख्या में विभिन्न जिलो से आये अध्यापक धरने में शामिल होंगे।
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