भय्यूजी महाराज सारी संपत्ति सेवादार को सौंप गए, सुसाइड नोट का दूसरा पेज

इंदौर। जिस संपत्ति के लिए संत भय्यूजी महाराज की बेटी और दूसरी पत्नी के बीच इतना विवाद बढ़ा कि भय्यूजी महाराज को आत्मघाती कदम उठाना पड़ा, अब वह संपत्ति ना तो बेटी को मिलेगी और ना ही दूसरी पत्नी को। संत भय्यूजी महाराज के सुसाइड नोट का दूसरा पेज सामने आया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि मेरे सारे वित्तीय, संपत्ति से जुड़े, बैंक अकाउंट के अधिकार विनायक देखेगा। वहीं मेरी जगह साइनिंग अथॉरिटी होगा। उस पर मुझे सबसे ज्यादा भरोसा है। मैं यह बात बगैर किसी दबाव के लिख रहा हूं। हालांकि इस पन्ने पर पहले पन्ने की तरह भय्यूजी महाराज के दस्तखत नहीं हैं, लेकिन लिखावट उनकी बताई जा रही है। कुल मिलाकर संपत्ति विवाद अब भी जारी है। 

करीब डेढ़ साल पहले हुई दूसरी शादी के बाद से ही भय्यूजी महाराज बेटी और पत्नी के बीच चल रहे विवाद की वजह से तनाव में थे। इस समय भी उनके सबसे करीब उनका सेवादार विनायक ही था। आत्महत्या से एक दिन पहले सोमवार को जब वे बेटी से मिलने पुणे जा रहे थे तो उस वक्त भी उनके साथ गाड़ी में विनायक और एक अन्य सेवादार शेखर था। पुलिस पूछताछ में इन्हीं दोनों ने खुलासा किया कि वे भय्यूजी महाराज बेटी-पत्नी के बीच रिश्तों में सामंजस्य नहीं बैठा पाने की वजह से बेहद तनाव में थे। कई बार वे इस मामले को लेकर रूआंसा भी हो जाते थे।

सुसाइड नोट में लिखा-संपत्ति विनायक देखे 

तलाशी लेने पर फोंरेंसिक एक्सपर्ट और पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट मिला है। डीआईजी के मुताबिक, सुसाइड नोट में लिखा, 'मैं फेडअप हो गया हूं इसलिए छोड़कर जा रहा हूं। आश्रम, संपत्ति संबंधी जो भी आर्थिक मामले हैं, उन्हें विनायक देखेगा। कुछ पंक्तियों में यह भी लिखा कि कोई उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाए।

सोमवार को 7 गोपनीय फोन आए थे

विनायक ने पुलिस को बताया कि वही महाराज के फोन सुनते थे, लेकिन सोमवार को इंदौर से पुणे जाते वक्त महाराज के पास आए सात फोन पर उन्होंने खुद ही बात की। फोन आते ही वे गाड़ी में साथ बैठे दोनों सेवादारों को उतार अकेले में बात कर रहे थे। बुधवार को भय्यूजी महाराज द्वारा लिखे सुसाइड नोट का दूसरा पन्ना भी सार्वजनिक हो गया। इसमें उन्होंने अपने सारे वित्तीय अधिकार पत्नी, बेटी या किसी अन्य परिजन को देने के बजाय विनायक को सौंपने की बात लिखी है। इस पन्नों पर उन्होंने एक बार फिर विनायक को ही सबसे ज्यादा भरोसेमंद बताते हुए कहा है कि वहीं मेरी जगह साइनिंग अथॉरिटी भी होगा।

यह सिर्फ प्रबंधन के लिए पत्र है

इंदौर हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विनय सराफ का कहना है कि भय्यूजी महाराज द्वारा लिखे नोट को कानूनी तौर पर उत्तराधिकारिता प्रमाण पत्र नहीं माना जा सकता। यह प्रबंधन पत्र (लेटर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन) है। हालांकि इस नोट के आधार पर विनायक न्यायालय में अधिकारिता प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए गुहार लगा सकते हैं। अगर कोर्ट प्रमाण पत्र जारी कर देता है तो वे साइनिंग अथॉरिटी बन जाएंगे।

बेटी के कमरे में मारी खुद को गोली

पुलिस के मुताबिक, भय्यूजी महाराज दोपहर को अचानक बेटी कुहू के कमरे में रखे बींस बैग पर जाकर बैठ गए। कुछ देर बाद उन्होंने दाई कनपटी पर रिवॉल्वर अड़ाकर गोली मार ली। परिजन ने देखा शव के पास रिवॉल्वर पड़ी हुई है। परिजन, कर्मचारी और अनुयायी तुरंत उन्हें लेकर बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने घर के आठ कमरों की तलाशी ली तो भय्यूजी महाराज के कमरे से पॉकेट डायरी में लिखा सुसाइड नोट मिल गया। कुछ ही देर में सोशल मीडिया के जरिए पूरे देश में यह खबर फैल गई। बॉम्बे हॉस्पिटल, बापट चौराहा स्थित आश्रम (सूर्योदय) और सिल्वर स्प्रिंग स्थित निवास के बाहर उनके समर्थक, नेता, अनुयायी और अफसरों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस को 10 थानों का बल लगाना पड़ा।

सौतेली मां को जेल में डाल दो: बेटी 

उनकी बेटी कुहू ने अपनी सौतेली मां आयुषी पर आरोप लगाया है कि उनकी ही वजह से पिता ने खुदकुशी की है। उनकी बेटी ने कहा कि उन्हें जेल में डाल दो। वहीं भय्यूजी महाराज की दूसरी पत्नी डॉ आयुषी का कहना है कि कुहू उन्हें पसंद नहीं करती थी इसलिए ऐसी बातें कर रहीं हैं। वे तो गुरुजी के साथ अच्छे से रह रही थीं। कुहू भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी की बेटी हैं, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रहीं हैं। भय्यूजी महाराज ने 30 अप्रैल 2017 को एमपी के शिवपुरी की डॉ. आयुषी के साथ शादी की थी।
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