
5 साल से था अतिथि शिक्षक
राजनगर थाने के कुरेला निवासी देशराज यादव अपने माता पिता और छोटे भाईयो के साथ रहता था। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अतिथि शिक्षक के रूप में 5 साल से काम कर रहा था। उसने 12 वीं के बाद बीए, डीएड, आईटीआई और कंप्यूटर कोर्स किया वह भी इस आस में कि प्रदेश में शिक्षक की नौकरी निकलेगी और उसमें वह भर्ती होकर अपने परिवार का अच्छी तरह लालन पालन करेगा लेकिन नौकरी की आस में उसे निराशा ही मिली।
पिता अंधे हैं और मेरी आंखों के आंसू सूख चुके हैं
देशराज ने आगे लिखा कि संविदा शिक्षक की नौकरी नहीं निकलने की वजह से वह बहुत निराशा में डूबा है, इस लिए वह खुदकुशी कर रहा है। उसने गरीबी के चलते बड़ी मुश्किल में अपनी पढाई की लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी। पिता दृष्टिहीन हैं और संविदा शिक्षक की नौकरी की भर्ती कब निकलेगी इसी सोच में मेरी आंखों के आंसू भी सूख चुके हैं। मां मुझे माफ करना। जिसने भी देशराज का खुदखुशी के पहले का यह पत्र पढ़ा, उसकी आंखें डबडबा गईं। अपने बड़े बेटे के इस कदम से उसके परिवार में मातम का माहौल है। वहीं सिस्टम से हारे इस युवक का राजनगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
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