एटीएम से पैसे न निकलने पर इसे बैंकों की सेवा में कमी माना जाएगा और संबंधित बैंक को जुर्माना देना होगा। रायपुर के उपभोक्ता फोरम के इस आदेश ने देशभर के बैंक अफसरों में हड़कंप मचा दिया है। बरेली में भी एटीएम में कैश फीडिंग को लेकर बैंक अफसर लापरवाह रहते हैं। ऐसे में इस फैसले से ग्राहकों को राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं बैंक अफसरों की नींद उड़ गई है। रायपुर में एटीएम से कैश न निकलने संबंधी एक याचिका पर उपभोक्ता फोरम ने इसे सेवा में कमी मानते हुए बैंक पर जुर्माना लगा दिया। फैसले में कहा कि खाते में बैलेंस कम होने पर बैंक उपभोक्ताओं से जुर्माना वसूलता है। लिहाजा अगर एटीएम में पर्याप्त कैश नहीं है तो इसे भी बैंक की सेवा में कमी माना जाएगा और उसे जुर्माना देना होगा।
क्या है मामला
अधिवक्ता राजीव अग्रवाल पिछले साल अप्रैल में चार दिनों तक पैसे के लिए भटकते रहे। उनके पास स्टेट बैंक का एटीएम है। वे कई एटीएम में गए, लेकिन वहां पैसा नहीं निकला। इससे उन्हें बहुत परेशानी झेलनी पड़ी। उन्होंने इस संबंध पिछले साल ही 4 मई को उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की थी। फोरम में उसकी सुनवाई दे रही थी। बैंक ने अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया है कि एटीएम का उपयोग करने वाले बैंक के ग्राहक नहीं है। एटीएम इंटरनेट कनेक्टिविटी से चलता है। इसलिए ग्राहक सीधे तौर पर बैंक से नहीं जुड़ते हैं।
फोरम ने तर्क दिया कि एटीएम कार्ड बैंक की उपलब्ध कराता है। उसके लिए हर साल ग्राहक के खाते से पैसे काट लेते है। इसलिए सेवा देना उनकी जिम्मेदारी है। तीन बार से ज्यादा एटीएम उपयोग करने पर बैंक खाते से पैसे काट लेते है। फोरम ने बैंक की सेवा में कमी पाते हुए 15 सौ जुर्माना और एक हजार खर्च देने का आदेश दिया है।
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