परंपराएं भी रोचक होतीं हैं और क्षेत्र व जाति धर्म के अनुसार बदलती रहतीं हैं। कई बार तो कबीलों और समुदायों के बीच भी परंपराओं में अंतर देखने को मिलता है। एक ऐसी ही रोचक परंपरा के बारे में आज हम बात करने जा रहे हैं। इस परंपरा के तहत लड़कियों की सबसे पहली शादी केले के पेड़ से कराई जाती है। यहां पीरियड्स आते ही यह विवाह आयोजन धूमधाम के साथ सम्पन्न किया जाता है। मजेदार बात यह है कि यह परंपरा भारत के ही एक राज्य में मनाई जाती है। उस राज्य का नाम है असम।
भारत के पूर्वात्तर में स्थित असम राज्य में जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स शुरू होता है तो उसे सबसे अलग रखा जाता है और कुछ दिनों बाद बड़े धूमधाम से उसकी शादी कर दी जाती है लेकिन किसी इंसान से नहीं बल्कि केले के पेड़ से। इस शादी को ‘तोलिनी ब्याह’ कहा जाता है। इस शादी में काफी शोर गुल, गाना-बजाना भी होता है। पीरियड्स के पहले दिन से ही तोलिनी ब्याह की शुरुआत होती है। लडक़ी को इस दौरान सूर्य की रोशनी से बचाकर रखा जाता है। शादी के दौरान लड़की को खाने में सिर्फ फल और कच्चा दूध दिया जाता है।
कहा जाता है पहली शादी
तोलिनी ब्याह के अलावा इस शादी को पहली शादी भी कहा जाता है। अगर आप सोच रहे हैं कि इसके बाद लड़कियों का ब्याह नहीं होता, तो ये गलत है। इस रीति-रिवाज के बाद लड़की की उसकी सही उम्र में आम लोगों की तरह शादी कराई जाती है। माना जाता है कि तोलिनी ब्याह के कारण ही लड़की का दाम्पत्य जीवन आनंदपूर्वक बीतता है।
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