उपदेश अवस्थी/भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर लोकतंत्र के साथ ठगी हो गई। भारत में ऐसा कोई कानून ही नहीं है जिसके तहत इस ठगी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई जा सके। लेकिन जनता की अदालत है। यहां याचिका लगाई जाती है। हर याचिका की सुनवाई भी होती है और कई बार बड़े और कड़े फैसले भी हो जाते हैं। इस मामले में ठगी सिर्फ शिवराज सिंह चौहान सरकार ने की या इसमें कांग्रेस भी शामिल थी, यह जांच का विषय है। यहां सत्ता पक्ष तो आरोपित है ही, लेकिन विपक्ष को भी क्लीनचिट नहीं दी जा सकती।
मप्र के इतिहास में 26 जून 2018 को एक दागदार दिन के रूप में याद किया जाएगा। वर्तमान सरकार का यह अंतिम विधानसभा सत्र था। अब से लेकर चुनाव तक के लिए तमाम फैसले होने थे। हजारों मामले उठाए जाते थे। इनमें से सैंकड़ों गंभीर हैं और दर्जनों तो केवल विधानसभा का ही इंतजार कर रहे थे। जनहित के ऐसे सभी मामलों की भ्रूण हत्या हो गई। वो उठा ही नहीं जा सके। सदन मात्र 4 घंटे चला। सरकारी रजिस्टर में इसे 2 दिन दर्ज किया गया। शिवराज सिंह सरकार ने सरेआम ठगी की है। कांग्रेस ने सरकार को डरपोक कहा है। नेताप्रतिपक्ष ने जबर्दस्त बयान जारी किया है। शिवराज सिंह को भगोड़ा कहने की कोशिश की है।
नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह के बयान से कोई भी असहमत नहीं होगा लेकिन सवाल यह है कि कांग्रेस ने अजय सिंह को क्या इसी तरह सदन के बाहर बयान जारी करने के लिए नेता प्रतिपक्ष बनाया है। उनका काम था सदन के भीतर रणनीति बनाकर सरकार को घेर लेना और जनहित के उन मुद्दों की तरफ ध्यान दिलाना जिन्हे सरकार या तो चूक गई है या साजिशन चूक कर दी गई है। कांग्रेस ने सदन के भीतर ऐसा कुछ नहीं किया। 2013 में अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा की चाल सबको पता है। फिर भी नेता प्रतिपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव की रक्षा के लिए कोई प्लान नहीं बनाया। जिन बातों पर हंगामा हुआ, वो अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं थी लेकिन कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पर फोकस ही नहीं किया। जरूरत क्या थी सदन में हंगामा करने की। अनुशासन में रहते और सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग करते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। क्या अविश्वास प्रस्ताव में ऐसा कुछ था ही नहीं जिस पर चर्चा की मांग की जा सके। क्या अविश्वास प्रस्ताव सदन में चर्चा के लिए नहीं अपितु किसी और उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए पेश किया गया था। क्या इस बार भी कोई फिक्सिंग हो गई थी। इसी तरह की खबरें नियमित रूप से पढ़ने के लिए MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com