ई-टेंडर घोटाला: जांच करने वाले IAS अफसर को रातों-रात हटाया

भोपाल। अनुमानित 3 लाख करोड़ के ई-टेंडर घोटाले का खुलासा करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं आईटी विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को हटा दिया गया है। उनका प्रभार पीएचई के पीएस प्रमोद अग्रवाल को सौंपा गया है। बता दें कि अब तक इस मामले में 1500 करोड़ का घोटाला पकड़ा जा चुका है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है जबकि सीएम शिवराज सिंह इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू से करा रहे हैं। बता दें कि मप्र में ईओडब्ल्यू किसी भी जांच प्रक्रिया को अत्यंत धीमी कर देने और ठंडे बस्ते में डाल देने के लिए जाना जाता है। 

शिवराज सरकार को “भ्रष्ट शिरोमणि” का ख़िताब: जीतू पटवारी

कांग्रेस के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह ई-टेंडर घोटाले की जांच में शामिल टीम पर दवाब डालने की कार्रवाई है और इससे प्रमाणित होता है कि ई-टेंडर घोटाले में कई बड़े मगरमच्छ भी शामिल हैं। मप्र में हज़ारों करोड़ का ई-टेंडर घोटाला सामने लाने वाले प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को हटाया गया..! क्यों..? शिवराज ने मनीष रस्तोगी को हटाकर मप्र के सभी आईएएस अफ़सरों को घोटालों पर मौन रहने का संदेश दिया है..? वो दिन दूर नहीं जब शिवराज सरकार को “भ्रष्ट शिरोमणि” का ख़िताब मिलेगा। 

सरकार कितनी घबराहट में है: कमलनाथ

ई-टेंडर की टेम्परिंग मामले को सामने लाने वाले मेप आईटी के प्रमुख को पहले छुट्टी पर भेजना और अब उसे पद से हटाकर , दूसरे अधिकारी को चलती जाँच में पदस्थ करना, बता रहा है कि यह घोटाला कितना बड़ा है और सरकार कितनी घबराहट में है व इसे किस तरह दबाने में लगी हुई है..

कौन सी फाइलें छुपा रहे हैं आईएएस सुलेमान: अजय सिंह

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने बताया कि निर्माण भवन मे पीडब्लूडी का मुख्यालय है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान वहां परियोजना क्रियान्वयन इकाई में गए और वहां के संचालक की अनुपस्थिति में फाइलों के दो बस्ते बनवाकर फाइलें ले गए। नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया है कि ऐसी कौन सी फाइल है और और ऐसा क्या पहाड़ टूट पड़ा कि सुलेमान को खुद वल्लभ भवन से नीचे उतरकर फाईले लेने निर्माण भवन जाना पड़ा। बता दें कि फाइलों को एक आॅफिस से दूसरे आॅफिस में पहुंचाने के लिए सरकारी प्रक्रिया का पालन किया जाता है और इसके लिए कर्मचारी तैनात हैं। 

शिवराज सिंह के 5 नजदीकी आईएएस संदेह की जद में

सूत्रों का कहना है कि इसमें सीएम शिवराज सिंह के नजदीकी कहे जाने वाले 05 आईएएस अफसर शामिल हैं। अब सरकार इस मामले को दबाने में पूरी ताकत से जुट गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का दावा है कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है। 
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