
इस सम्बंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा रमेशचंद्र शर्मा जी की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था और कमेटी ने पाया कि वाकई में लिपिकों के साथ धोखा हुआ है परीक्षण के उपरांत कमेटी ने सम्पूर्ण प्रस्ताव जुलाई 2017 में शासन को सौंप चुका है। जिसमे लिपिक संवर्ग मंत्रालय एवम चतुर्थ संवर्ग से सम्बंधित कुल 23 अनुसंशाए कमेटी के द्वारा शासन के संज्ञान में लाया गया, जिसका निराकरण शासन द्वारा आज दिनांक तक नही किया गया है।जबकि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 1 नवम्बर 2017 को मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के दिन भी यह घोषणा की थी कि हमारे लिपिक भाई दिन भर कार्यालय के काम मे लगे रहते हैं उनके लिये भी मैन सोचा है। बस इसीलिए पिछले 29 मई 2018 की कैबिनेट में लिपिकों को भरोसा था कि उनका प्रस्ताव भी केबिनेट में रखा जाएगा किन्तु शासन ने लिपिकों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है।
इसलिए वेतन विसंगति में सुधार की मांग को लेकर लिपिकों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। और लिपिक संवर्ग 11 जून 2018 को प्रांताध्यक्ष एवम संरक्षक महोदय के नेतृत्व में मंत्रालय के ठीक सामने मन्नत यात्रा के श्रीफल के साथ आमरण अनशन में बैठकर एक नया इतिहास रचने को तैयार है।
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