
धान के पैकेटों पर सुरक्षित फसल तथा अधिक पैदावार होने का दावा किया जा रहा है। सिंचाई सुविधाओं से भरपूर बालाघाट जिले की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार प्रत्येक 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर मिट्टी तथा जलवायु में अंतर दिखाई देता है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ तथा सिवनी जिले की सीमाओं से जुडे होने के कारण अलग अलग फसलें भी उगाई जाती है। यह उल्लेखनीय है की विगत 3 वर्षो से निरंतर अमानक बीज बिक्री की शिकायतें प्रकाश में आईं तथा संबंधित कंपनीयों के धान बीज की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया लेकिन अमानक बीज की बिक्री बालाघाट जिले में ना हो इस दिशा में कृषि विभाग द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नही की गई, ना ही कोई विस्तृत जांच पडताल की गई। इतना ही नही जिले के सांसद बोधसिंग भगत को भी यशोदा सीड्स कंपनी के अमानक बीज थमा दिये गये थे जो बुआई के पश्चात अंकुरित ही नही हुए।
इसके बावजदू संबंधित कंपनी पर निलम्बन के अलावा कोई कार्यवाही नही हुई, अततः उन्हीं प्रतिबंधित कंपनीयों के बीज इस वर्ष फिर बाजार में उपलब्ध है। बालाघाट जिले में धान के बीज बिना लाईसेंसधारी दुकानदारों, किराना दुकानों, जनरल स्टोर्स तथा हाट बाजारों में धडल्ले से खुलेआम बेचे जा रहे है। बेचे जा रहे बीजों की गुणवत्ता की जांच परख के लिये कृषि विभाग की ओर से प्रभावी कार्यवाही ना होने से किसानों के साथ इस वर्ष भी बीज बिक्री की आड़ में धोखाधडी की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है।
यह उल्लेखनीय है की केन्द्रीय सरकार द्वारा उर्वरक और कीटनाशक कृषि स्नातक जैवविज्ञान रसायन प्राणी प्रौधोगिकी जीवन विज्ञान व वनस्पति विज्ञान डिग्री धारी को ही कृषि केन्द्र संचालन किये जाने का प्रावधान किया गया है ताकि किसानों को उचित परामर्श दिया जा सके लेकिन जिले में ज्यादातार कृषि केन्द्रों में इन प्रावधानों का पालन नही किया जा रहा है।
राजेश त्रिपाटी उपसंचालक कृषि ने अवगत कराया की जिले में कृषि विभाग द्वारा 250 उर्वरक केन्द्र तथा 286 दवाई दुकान बीज तथा कीटनाशक संचालन हेतु लाईसेंस जारी किये गये है बिना लाईसेंस की संचालित की जा रही दुकानों की जांच कराई जा रही है।
उन्होने यह भी अवगत कराया की केन्द्र सरकार के प्रावधानों के अनुसार कृषि केन्द्रों में लाईसेंस जिस व्यक्ति के नाम पर जारी किया गया है उसके अलावा संचालनकर्ता कोई ओर पाया गया तो उसकी दुकानें सील कर दी जायेगी।
बहरहाल जिले के किसानों के साथ उर्वरक,कीटनाशक तथा धान बीज के नाम पर जो छलावा किया जा रहा है उस संबंध में राजनेताओं की चुप्पी से राजनैतिक सरक्षण होने का संदेह स्पष्ट दिखाई देता है। बालाघाट प्रदेश के कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन का गृह जिला है।
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