अब तो बंद कीजिये, कालेधन वापिसी का झुनझुना | EDITORIAL by Rakesh Dubey

राकेश दुबे@प्रतिदिन। यह खबर कालाधन वापिस लाने के वादे को झुनझुना साबित करने के लिए पर्याप्त है। स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का धन 50 प्रतिशत बढ़कर करीब 7000 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, इससे पिछले तीन साल भारतीयों के जमा में कमी दर्ज की गई थी। भारतीयों द्वारा सीधे तौर पर स्विस बैंकों में जमा किया धन 99.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 6900 करोड़) और फंड मैनेजरों के जरिये जमा धन 1.62 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 112 करोड़ रुपये) हो गया है। केंद्र के काले धन के खिलाफ चलाए अभियान के बावजूद स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में बढ़ोतरी परेशान करने वाली है। ग्राहकों की सूचना बेहद गोपनीय रहने के कारण दुनिया भर के लोग अपना काला धन स्विस बैंकों में रखते रहे हैं।

केंद्र सरकार की बड़ी बचकानी सफाई दी है। केंद्रीय मंत्री और अभी वित्त मंत्रालय का कामकाज संभाल रहे पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और स्विटजरलैंड के बीच समझौता है। 1 जनवरी 2018 से इस वित्तीय साल के खत्म होने तक सारा डाटा हमें उपलब्ध करा दिया जाएगा। सवाल यह है की इस डाटा से आप क्या कर लेंगे। देश में बैंकों की हालत खराब है, आम आदमी को सरकारी बैंकों से सावधि जमा पर भी पर्याप्त ब्याज नहीं मिल पा रहा है। बचत खातों की बात तो छोड़ ही दीजिये, छोटे- मोटे कामों के लिए सरकारी बैंक आवश्यकता से अधिक वसूली करती है। निजी बैंकों पर किसी का कोई नियन्त्रण नहीं है।

सफाई नम्बर दो |
भारत से ज्यादा पाकिस्तान का जमा है, यह कैसा तर्क है। पाकिस्तान तो बदहाल है क्या हम उससे बड़े बदहाल बनने का कीर्तिमान रचने जा रहे हैं ? रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में स्विस बैंकों में पाकिस्तान के नागरिकों की जमा राशि में 21 प्रतिशत कमी आई है। पाकिस्तानियों ने 1.15 अरब स्विस फ्रैंक (7700 करोड़ रुपये) स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा कराए। तीन साल से जमा में गिरावट के बावजूद पाकिस्तानियों की कुल जमा राशि भारतीयों से 700 करोड़ रुपये ज्यादा है।  सरकार को शायद मालूम नहीं है या जान बूझकर समझना नहीं चाहती। आप स्विटजरलैंड में स्थित किसी भी बैंक में खाता खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए बैंक आपके पहचान संबंधी दस्तावेजों को कॉरेस्पोंडेंस के जरिए मंगाता है। इसे आप ई-मेल के जरिए भी भेज सकते हैं। केवल बिना नाम वाला खाता खोलने के लिए ही आपको स्विटजरलैंड जाना जरूरी होता है। आपके पहचान संबंधी दस्तावेजों का किसी सरकारी एजेंसी से प्रमाणित होना जरूरी है, जिसके आधार पर स्विटजरलैंड के बैंकों में आप पर्सनल अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट और इन्वेस्टमेंट अकाउंट सहित दूसरे खाते खुलवा सकते हैं।

इसके लि‍ए बैंक की वेबसाइट www.ubs.com से एप डाउनलोड कर सकते हैं। ऑनलाइन अकाउंट खोलने के लि‍ए जिन कागजों की जरूरत होगी। उनमें 
1. पासपोर्ट या मान्‍य पहचानपत्र। 
2. न्‍यूनतम उम्र 15 साल होने का प्रमाण पत्र 
3. एक स्‍मार्टफोन जि‍समें वीडि‍यो कॉलिंग का ऑप्‍शन हो।
4. आपके पास 4जी या वाईफाई कनेक्‍शन। 
लगभग देश में ५० प्रतिशत फोन धारक यह सब रखते हैं |

फ़ीस भी ज्यादा नहीं है, स्विस बैंक की वेबसाइट के अनुसार स्विस पर्सनल बैंक अकाउंट के लिए करीब 529 यूरो की फीस देनी पड़ती है। जिसमें ऑनलाइन पेमेंट पर डिस्काउंट भी मिलता है। बैंक अकाउंट में किसी तरह की कोई मिनिमम अमाउंट रखना जरुरी नहीं है। इसके विपरीत भारत के बैंक क्या क्या वसूलते हैं, किसी से छिपा नहीं है। बेहतर है सरकार, इस झुनझुने को बजाना बंद करे और मान ले इस मुद्दे पर वो सफल नहीं है, कुछ और करने की जरूरत है।
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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