अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सामान्य ज्ञान

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भारत के सबसे बड़े गैर राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का अनुषांगिक संगठन है। इसे भाजपा का छात्र संगठन भी कहा जाता है। इसे एबीवीपी और अभाविप के नाम से भी पुकारा जाता है। ABVP की स्थापना लगभग 1948 में हुई और आधिकारिक तौर पर यह 9 July 1949 को रजिस्टर हुई। इसकी स्थापना का मुख्य मकसद था युवाओं को और छात्रों को संगठित करना और उनकी उर्जा का उपयोग राष्ट्र निर्माण के लिए उपयोग में लाना।

ABVP का विवादों से भी गहरा नाता रहा है और शुरुआत के साथ ही 1961 के बाद से कई हिन्दू-मुस्लिम दंगो में संगठन का नाम आया है। 1970 के दशक में एबीवीपी ने उन भ्रष्टाचार और सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाये जिन्हें दूसरे कम्युनिस्ट छात्र संगठन काफी समय से उठाते चले आ रहे थे लेकिन उसके बाद मुख्य लाइमलाइट जो संगठन को मिली वो तब मिली जब JP Movement का हिस्सा बनने के लिए कई दूसरे छात्र संगठनों के साथ ABVP ने भी हिस्सा लिया। 

जेपी मूवमेंट इंदिरा गाँधी की सरकार के खिलाफ शुरू किया गया एक मूवमेंट था जो सामाजिक कार्यकर्त्ता Jayaprakash Narayan ने शुरू किया सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ। उसके बाद ABVP के मेम्बेर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ और राष्ट्रीय स्तर पर संगठन की पहचान और भी बेहतर होने लगी थी।

1974 के साल में एबीवीपी के पास करीब 160,000 सदस्य थे और करीब 790 कैंपस में इन्होने अपनी प्रेसेंस दिखाई और इसके साथ ही बहुत सी फेमस यूनिवर्सिटी में छात्र चुनावों के जरिये उन्होंने अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी। 1983 आते आते संगठन में छात्रो की संख्या 2.5 lac से अधिक हो गयी और 1100 शाखाएं पूरे देश में हो गयी। 90 के दशक में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के बाद से संगठन की लोकप्रियता में बड़ी तेजी से वृद्धि हुई और 2016 तक एबीवीपी के अनुसार उनके 30 लाख से अधिक सदस्य थे जिसके अनुसार वो देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। 

ABVP जिन वजहों से विवादों में या चर्चा में रहा है वो कुछ निम्न है

पुणे में 23 April 2011 rodies के शो के एंकर पर ABVP के सदस्यों ने हमला कर दिया था।
14 April 2012 को एबीवीपी के मेम्बेर्स ने बीफ फेस्टिवल पर अटैक किया जो ओस्मानिया यूनिवर्सिटी में चल रहा था।
24 August 2013 को एक documentry फिल्म ‘जय भीम कामरेड’ की स्क्रीन्निंग के समय ABVP के स्टूडेंट्स ने Film and Television Institute of India, Pune के छात्रों पर हमला कर दिया और उन्हें ‘जय नरेन्द्र मोदी' बोलने पर मजबूर किया।
30 December 2014 में आमिर खान की फिल्म के लिए भी संगठन ने बवाल किया।
इसके अलावा FEB 2017 में करगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर के मामले में भी धमकी देने के आरोप संगठन पर लगे।
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