MP POLICE को 10 साल तक चूना लगाने वाली सोनाली शर्मा की कहानी | MP NEWS

INDORE SAMACHAR | मात्र 8वीं पास सोनाली शर्मा ने पूरे प्रदेश की नाक में दम कर दिया था। वो 2008 में इटारसी में फर्जी एसडीएम बनकर घूमते हुए पकड़ी गई थी। उसके खिलाफ मामला भी दर्ज है, फिर भी कोई उसे समझ नहीं पाया। 2008 से 2018 तक उसने मप्र पुलिस के कई अफसरों को चूना लगाया। सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाया। पुलिस का वाहन, पुलिस गार्ड और ना जाने क्या क्या। वो एक फोन पर कुछ भी करवा लेती थी। चौंकाने वाली बात यह है कि वो एडीजी इंदौर की बहन बनकर इंदौर में ही घूमती रही और किसी को पता ही नहीं चला। 

रिटायर्ड लोकायुक्त से मिलकर बदली जिंदगी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस शातिर युवती सोनाली शर्मा ने 2008 में रिटायर्ड लोकायुक्त डीजी कापदेव से पहली मुलाकात का फायदा उठाकर कई पुलिस अफसरों से मेलजोल बढ़ाया और गहरी दाेस्ती गांठ ली। एक अफसर के जरिए दूसरे से मिलते-मिलते उसकी पैठ पुलिस मुख्यालय तक हो गई। इससे उस पर किसी को शक नहीं हुआ। एडीजी की बहन बताकर ही उसकी मुलाकात सीएसपी ज्योति उमठ से हुई और एडीजी पवन श्रीवास्तव से संपर्क भी इसी झूठ से हुआ। मैस में रुकने के साथ वह रौब दिखाकर वाहन, गार्ड की सुिवधा भी लेने लगी। पोलोग्राउंड मैस में वह रिकॉर्ड के मुताबिक 10 साल में 13 बार रुकी। अनाधिकृत रूप से उसके 25 बार यहां आने की खबर है।

कोर्ट से मिली 3 दिन की रिमांड
इधर, तेजाजी नगर में करोड़ों की जमीन के मामले में टीआई को धमकाने और सदर बाजार थाने में भी एडीजी का हवाला देकर दबाव बनाने के मामले में उस पर केस दर्ज किया है। पुलिस ने बुधवार को सोनाली और उसके बाॅयफ्रेंड कृष्णा राठौर को काेर्ट में पेश किया, जहां से तीन दिन की रिमांड मिली है। डीआईजी ने उसे ड्राइवर मुहैया करवाने वाले डीआरपी लाइन के आरआई अिनल कुमार रॉय को सस्पेंड कर दिया है। इधर, देर रात इंदौर पुलिस की एक टीम सोनाली के भोपाल स्थित घर पहुंची। इंदौर में विद्यानगर में फ्लैट पर भी दोबारा सर्चिंग की।

टीआई को धमकाया
एडीजी की बहन बनकर सोनाली शर्मा ने सभी महकमों पर खूब रौब जमाया। तेजाजी नगर में एक करोड़ों रुपए की जमीन के मामले में उसने टीआई काे फोन कर धमकाया और कहा कि मैं जिसका बता रही हूं, उसके पक्ष में कार्र‌वाई कर दो। जब टीआई ने दो-तीन बार कहने पर भी काम नहीं किया तो फिर फोन लगाया और कहा कि तुमने मेरी बात नहीं मानी, अब तुम्हारा क्या होता है, देख लेना।

फोन पर ही करवा देती थी बड़े बड़े काम
जमीनों के मामले में उसने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, प्रशासन के अफसरों को भी फोन किए। अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक कई छाेटे-बड़े काम उसने फाेन पर ही करवा लिए। पुलिस इन सबकी पड़ताल कर रही है। उसके नियमित संपर्क में रहने वाले अफसरों के बारे में भी पड़ताल की जा रही है। कई अफसराें से उसकी दाेस्ती की बात सामने आई है। कई अफसरों के घर तक आना-जाना था। वह आती निजी गाड़ी से थी, लेकिन बाद में फोन पर ही सरकारी कार सहित सारी सुिवधाएं जुुटा लेती।

एक फोन पर जुटा लेती सुविधाएं
उसके ऑफिसर मैस को बुक करने का तरीका भी दिलचस्प है। जब वह पहली बार मैस में रुकी तो उसने देख लिया कि यहां कॉलर आईडी वाला फोन नहीं है। हर बार वह लैंडलाइन फोन पर कॉल करती और कहती- एडीजी ऑफिस से बोल रही हूं, उनकी बहन के लिए एक कमरा बुक कर दीजिए। इसके बाद सिलसिलेवार गाड़ी, गार्ड और अन्य सुविधाएं मिलती। उसके आते ही अफसर-कर्मचारी खातिरदारी में जुट जाते। अफसरों-कर्मचारियों को उसके बताने के बाद जब कभी शक हुआ ताे कोई न कोई ऐसा अफसर सामने आ जाता जो कह देता कि यह तो एडीजी की बहन है। वह स्टाफ से खुद के लिए गुटखा भी मंगवाती थी।

SCP JYOTI UMATH तो पूरी तरह जाल में फंसी थी
मामले में जांच कर रही सीएसपी संयोगितागंज ज्योति उमठ ही सोनाली की खास थीं। वे तीन बार मैस में उससे मुलाकात कर चुकी हैं। एक सीएसपी रैंक की अधिकारी के उससे मिलने आने की जानकारी मैस के स्टाफ काे थी, इसलिए मैस के लोग सोनाली को एडीजी की बहन ही मानते थे। वह जब चाहती, सीएसपी के माध्यम से उनके थाना सर्कल के किसी भी टीआई से कुछ भी काम करवा लेती। डीआरपी लाइन के आरआई रहे सुनील दीक्षित को भी यही पता था, इसलिए वे भी उसके फोन पर उसे जवान और वाहन उपलब्ध कराते थे। सोनाली ने पश्चिम क्षेत्र की जिम में मेंबरशिप भी ली थी।

मुझे तो एएसपी ने मिलवाया था: ज्योति
सीएसपी ज्योति उमठ ने बताया कि सोनाली से मेरा कोई करीबी रिश्ता नहीं है। डेढ़ साल पहले बैतूल में एएसपी घनश्याम मालवीय (ASP GHANSHYAM MALVIYA) ने सोनाली से परिचय करवाया था, तब उन्होंने एडीजी की बहन के रूप में मुझे पहचान बताई थी। तभी से मैं उसे वहीं समझकर मिलती आई थी। मैस में मैं तीन बार उसके बुलाने पर गई थी।

ऑफिसर मैस की पार्टी में भी शामिल थी
ADG PAVAN SHRIVASTAVA ने बताया कि 30 अप्रैल को ऑफिसर मैस में एक कार्यक्रम में उससे मुलाकात हुई थी। उससे कोई संपर्क नहीं रहा। पार्टी में वह बिना आमंत्रण के शामिल थी। सभी उसे एडीजी की बहन बता रहे थे। हम भी यही समझ रहे थे। कई अधिकारी उससे मिलने आते थे।

सोनाली के पूरे प्रदेश से रिकॉर्ड निकलवा रहे
एडीजी इंदौर रेंज अजय वर्मा ने बताया कि पूरा मामला सामने आने के बाद मैंने अफसरों को तुरंत कार्रवाई के लिए कहा, क्योंकि वह पुलिस महकमे को भी बदनाम कर रही थी। इसका पूरे प्रदेश से रिकॉर्ड निकलवा रहे हैं। किन-किन अफसरोें को धमकाकर काम करवाया, इसकी भी जांच करवा रहे हैं।

बाॅयफ्रेंड बोला- वह भी अचंभित था
बॉयफ्रेंड कृष्णा राठौर ने कहा कि सोनाली ने उससे कहा था कि उसके अधिकारियों से अच्छे संबंध हैं। वह भी उसके रुतबे से अचंभित था। एसपी पश्चिम विवेक सिंह ने बताया कि सोनाली 10 साल में कब-कब रुकी, कौन-कौन ऑफिसर मैस में ठहरा, संपर्क में रहा, जानकारी जुटाई जा रही है।

कैसे हुआ खुलासा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले का खुलासा खुद एडीजी अजय कुमार शर्मा (ADG AJAY KUMAR SHARMA) ने किया। दो दिन पहले जब सोनाली पोलोग्राउंड स्थित मैस में ठहरी थी, तब एक पार्टी में शामिल होने के लिए उसने पूर्वी क्षेत्र के दो टीआई को फोन लगाकर बुके भेजने को कहा। एक टीआई ने इनकार किया तो सोनाली ने सीएसपी ज्याेति उमठ को शिकायत कर दी। सीएसपी ने फिर टीआई को फोन किया ताे टीआई ने सीधे एडीजी को घटना की जानकारी दे दी। जब टीआई ने एडीजी को कहा कि सर, व्यस्त होने से आपकी बहन को बुके नहीं पहुंचा पाऊंगा। इस पर एडीजी चौंक गए और बोले- वहां मेरी कोई बहन नहीं है। एडीजी ने सीएसपी उमठ को तत्काल मैस भेजा और कहा- उससे पूछें कि प्रदेश में शर्मा सरनेम वाले चार एडीजी हैं, वह किसकी बहन है। सीएसपी ने जब सोनाली से पूछा कि तुम किसकी बहन हो तो बोली- इंदौर वाले अजय भैया की। मामला समझते ही सीएसपी ने तुरंत उसे हिरासत में ले लिया।

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