
अधिकारियों ने रोक लगा दी, सीएम कुछ नहीं कर पाए
फिलहाल संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग को 31 हजार 658 पदों पर अप्रैल से जुलाई के बीच भर्ती करना थी। इसी बीच अध्यापकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन करने की घोषणा हो गई और विभागीय अधिकारियों ने तत्काल भर्ती से हाथ खींच लिया। 'नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई)" के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वर्तमान में 70 हजार शिक्षकों की कमी है। 2011 के बाद से अब तक एक भी भर्ती परीक्षा नहीं हुई है।
अधिकारियों का मानना है, अगले साल हो पाएगी भर्ती
वैसे तो सरकार विधानसभा चुनाव से पहले चयन परीक्षा कराना चाहती है लेकिन विभाग ने संविलियन की बात आते ही भर्ती प्रक्रिया रोक कर नए सिरे से शिक्षकों के नियमित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया। अब इस प्रक्रिया में छह से सात महीने का समय लग सकता है। यह समय इससे ज्यादा भी हो सकता है क्योंकि मुख्यमंत्री ने अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन करने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन नीतिगत निर्णय अभी नहीं हुआ है।
अध्यापक और भर्ती परीक्षा का कैबिनेट करेगी फैसला
यह मामला कैबिनेट में जाएगा, जो तय करेगी कि अध्यापकों का संविलियन शिक्षकों के डाइंग कैडर (समाप्त कैडर) को पुनर्जीवित कर किया जाए या नया कैडर तैयार किए जाए। संविलियन का निर्णय होने के बाद शिक्षकों के नियमित पदों पर भर्ती का निर्णय भी कैबिनेट ही लेगी। इस प्रक्रिया में तीन से चार माह लग सकते हैं। इसके बाद नियमित पदों पर भर्ती के नियम तैयार होंगे। इसमें भी दो से तीन माह का समय लगेगा। इसलिए भर्ती अगले साल ही होने की संभावना है।