कर्मचारियों के लिए मुसीबत बना आॅनलाइन पेमेंट सिस्टम | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। मध्‍यप्रदेश में राज्य सरकार ने एक मई 18 से सभी तरह के सरकारी बिलों के भुगतान की आॅनलाइन भुगतान की प्रक्रिया में बदलाव कर नवीन प्रणाली स्थापित कर दी है। ऐसा बिलों के त्वरित भुगतान की दृष्टि से किया गया है। पर यह व्‍यवस्‍था सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लिये मुसीबत बन गई है। ऐसा इसलिये हुआ कि साफ्टवेयर ठीक काम नही कर रहा है जिसके चलते कर्मचारियों द्वारा बच्‍चों की शादी के लिये भरा गया जीपीएफ नही मिल सका। 

वहीं कर्मचारियों के चिकित्‍सा अग्रिम एवं प्रतिपूर्ति के बिल भुगतान न होने के कारण पैसा के अभाव में वे अपना इलाज नही करा पा रहे है। हजारों कर्मचारी को वेतन के लाले पड़े हुए है क्‍योंकि उनके देयक आफ लाइन स्‍वीकार नही किये गये और अब साफ्टवेयर की गड़बड़ी के चलते तनखाह नही निकाल पा रहे है।

मध्‍यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री लक्ष्‍मीनारायण शर्मा, उपाध्‍यक्ष रविकांत बरोलिया एवं प्रांतीय सचिव भानु प्रकाश तिवारी ने मुख्‍य मंत्री एवं प्रमुख सचिव वित्‍त को ज्ञापन प्रेषित कर मांग की है कि साफट वेयर की गडवडियों के चलते एक दो माह तक आफ लाइन देयक भी स्‍वीकार किये जायें।

फैक्‍ट फाईल
दरअसल पहले एकीकृत कोषालयीन कम्प्यूटराईजेशन परियोजना के अंतर्गत राज्य वित्तीय प्रबंधन प्रणाली यानि एसएफएमएस स्थापित की गई थी। इसके अंतर्गत तीन सब सिस्टम तथा सोलह माड्यूल हैं जिनमें से स्ट्रांग रुम, ईएसएस, पे-रोल, बजट एवं प्लान माड्यूल के पायलट समाप्त होकर लाईव किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त सर्विस मेटर के अंतर्गत वेतन निर्धारण माड्यूल भी लाईव किया जा चुका है। शेष माड्यूल में रिसीप्ट एण्ड डिसवर्समेंट माड्यूल का पायलब् राज्य के विदिशा जिले में गत 1 जनवरी 2018 से किया जा चुका है। अब इस माड्यूल को 1 मई 2018 से प्रदेश के सभी जिलों में गो-लाईव कर दिया गया है।
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