भोपाल। खबर आ रही है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड अब समूह-4 के अंतर्गत भर्ती परिक्षा मे सीपीसीटी की अनिवार्यता समाप्त करने जा रही है। अभ्यर्थी दिनेश कुमार प्रजापति का कहना है कि अगर यह न्यूज सही है तो हजारों मेहनती बेरोजगारो युवाओं को राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है, क्योकि सीपीसीटी उत्तीर्ण करने में युवाओं ने रात-दिन मेहनत कि और उत्तीर्ण कर साबित किया वे लिपिकिय कार्य के योग्य हैं। अब ऐसे मे वे युवक जो लिपिकिय कार्य करने मे दक्ष नही हैं उनको केसे भर्ती परीक्षा में शामिल किया जा सकता है। पूर्व मे भी पटवारी भर्ती परीक्षा मे भी इसी तरह योग्यता को शिथिल किया गया और नतीजा ये निकला कि कम्पूटर डिप्लोमा एवम सीपीसीटी उतीर्ण किये 80 से ज्यादा नंबर लाने वाले भी आज बेरोजगार हैं।
जबकि जो छात्र MPPSC या अन्य उच्च स्तरिय तैयारी कर रहे छात्रो का चयन हुआ जो कि संभवता पटवारी पद पर बने रहेंगे इसकी कोई गारंटी नही। क्योकी सरकार के पास बौन्ड आदि की व्यवस्था भी नही है। जिसका नुक्सान राजस्व विभाग एवं जरूरत मंद बेरोजगार युवाओं को होगा। अत: आपसे निवेदन है कि अगर सरकार की मंशा बेरोजगारों को लाभ देना है तो पदों को बढ़ाया जाय या फिर सीपीसीटी धारी को प्राथमिकता दी जाए और शेष बचे पदों पर चाहे तो सीपीसीटी अनुउत्तीर्ण छात्रों को भी मोका दे दिया जाए।
सरकार द्वारा केवल चुनाव को देखते हुए नियमों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है तो हम सभी 55 हजार महनती बेरोजगार युवा भी वादा करते हैं, हम लोगों भी मजबूरी मे अपने परिवार के वोट सरकार के विरोध मे डालने पड़ेंगे जो हम नही चाहते।