कांग्रेस में कमलनाथ के फैसलों पर कलह शुरू

भोपाल। प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के बाद कमलनाथ को अभी बधाईयां मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो पाया था कि उनका एक फैसला विवादित हो गया। इस फैसले के खिलाफ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव तनकर खड़े हो गए हैं। कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है, कमलनाथ को तानाशाह करार दिया जा रहा है। मामला खंडवा में कांग्रेस के बागी नेता राजनारायण सिंह की वापसी का है। कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को छिंदवाड़ा समझा और बिना किसी को विश्वास में लिए राजनारायण सिंह को कांग्रेस में शामिल कर लिया। अब खंडवा में कांग्रेस उबल रही है। 

पर्याप्त सबूत हैं कि राजनारायण बागी है

मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष ओंकार पटेल ने बाकायदा प्रेसनोट जारी कर पूर्व विधायक राजनारायण सिंह की वापसी का विरोध किया। ओंकार पटेल कहा 2009 के सांसद चुनाव में राजनारायण सिंह ने पार्टी के खिलाफ काम किया था। जिसका उल्लेख उन्होंने खुद कृषि मंडी में आयोजित एक कार्यक्रम में किया। राजनारायण सिंह की कांग्रेस में वापसी जिला संगठन को बिना सूचना और विश्वास लिए ही की गई है। 

पूरी जिला कांग्रेस कमलनाथ के खिलाफ

जिला अध्यक्ष पटेल एवं शहर अध्यक्ष इंदलसिंह पंवार ने कहा राजनारायणसिंह ने हमेशा से ही कांग्रेस विरोधी काम किया है। विगत कई वर्षों से वे लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इसके अलावा मांधाता क्षेत्र के कई कद्दावर कांग्रेस नेताओं के विरोध में भी काम किया है। जिला कांग्रेस कमेटी राजनारायण सिंह की वापसी का पुरजोर विरोध करती है। गौरतलब है कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के आदेश पर ही पार्टी से निष्कासित सिंह की सोमवार को वापसी हुई थी। 

मुझे तो जानकारी तक नहीं दी: अरुण यादव

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं खंडवा संसदीय सीट के सुनिश्चित लोकसभा प्रत्याशी अरुण यादव का कहना है कि मैंने खंडवा लोकसभा से चुनाव लड़ा है। मुझ तक को राजनारायण सिंह की वापसी की जानकारी नहीं दी गई। मैं सिंह के पार्टी विरोधी काम और उनकी वापसी रद्द करने को लेकर प्रदेशाध्यक्ष से चर्चा करूंगा।
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