
पुलिस ने कहा भूलकर भी ना दें खुला पेट्रोल
मंदसौर में पुलिस ने एहतियातन पेट्रोल पंपकर्मी और संचालकों से बात की और उन्हें किसान आंदोलन के दौरान सतर्क रहने को कहा। पुलिस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी को भी खुला पेट्रोल भूलकर भी ना दें। इसके अलावा सुरक्षा के सभी उपकरण पेट्रोल पंप पर रखें। इसमें रेती, पानी, अग्निशमक यंत्र को बड़ी मात्रा में रख लें। वहीं गरोठ पुलिस ने तो पेट्रोल पंप पर पहुुंचकर आग बुझाने के साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर कई टिप्स दिए। आमजन को भी समय आने पर आग पर कैसे काबू पाया जा सकता है, इसके बारे में बताया। पुलिस ने यहां भी पेट्रोल पंप संचालकों को कई निर्देश दिए।
प्रशासन ने संगठनों से बंद नहीं करने की अपील की
कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव व एसपी मनोज सिंह ने सभी किसान संगठनों से बंद नहीं करने की अपील की है। कहा बंद से किसानों का ही नुकसान होना है। इस पर संगठन सदस्यों ने कहा हम शांतिपूर्ण ढंग से गांव बंद रखेंगे। जो किसान उपज, दूध, फल शहर लेकर आना चाहता है, हम केवल उसे समझाएंगे, नहीं मानने पर वह स्वतंत्र है। किसान संगठनों ने समर्थन मूल्य को डेढ़ गुना बढ़ाने, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने व सीएम से मिलने देने की मांग की है। अधिकारियों ने मांगें पेपर पर देने व सीएम से 20 लोगों को मिलने देने की बात कही।
410 से ज्यादा गांवों पर नजर, 1500 से ज्यादा लोगों से बॉन्ड भरवाए
मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी के मद्देनजर सरकार की 410 से ज्यादा गांवों पर नजर है। मंदसौर, नीमच और रतलाम जिलों में 1500 से ज्यादा लोगों से बॉन्ड भरवाकर उन्हें अच्छे व्यवहार का अल्टीमेटम दिया गया है। पिपलियामंडी और आस-पास के गांवों के 500 लोगों को बॉन्ड ओवर करने की तैयारी है। 1300 से ज्यादा लोगों को रेड कार्ड के दायरे में लेकर अंतिम चेतावनी दी गई है। अकेले मंदसौर जिले में 1400 का बल गांवों में जाकर लोगों को समझाइश दे रहा है। रतलाम के 60 गांवों पर पुलिस ने निगाह जमा रखी है। वहीं, कांग्रेस ने भी मंदसौर के 2200 गांवों में कार्यकर्ता भेजना शुरू कर दिए हैं। वे इन गांवों से ही राहुल गांधी की रैली के लिए एक लाख किसानों को इकट्ठा करने में जुटे हैं।
6 जून 2017 को हुआ था गोलीकांड
मंदसौर गोलीकांड 6 जून 2017 को हुआ था। उसके तीन दिन पहले 3 जून से किसानों ने फसल का सही दाम नहीं मिलने सहित कई मुद्दों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था। 6 जून को भीड़ ने उग्र रूप ले लिया था, जिसका असर प्रदेशभर में देखने को मिला था। भीड़ ने घटना के दिन मंदसौर के पिपलिया मंडी थाने का घेराव और पथराव के साथ लोहे और लाठियों से तोड़फोड़ की थी। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें अाधा दर्जन से ज्यादा लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना से कई दुकानों और मकानों को भारी क्षति हुई थी। वहीं कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।
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