कर्नाटक| सीएम बीएस येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा, गिरी सरकार

नई दिल्ली। कर्नाटक में बहुमत प्रदर्शन के दौरान सीएम बीएस येदियुरप्पा ने अटलजी की तरह संवेदनशील भाषण के साथ अपनी शुरूआत की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस और जेडीएस एक दूसरे के खिलाफ लड़े लेकिन अब एक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं किसानों की सेवा करना चाहता हूं, जनता की सेवा करना चाहता हूं। अमित शाह ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया। हमें ईमानदार नेताओं की जरूरत है लेकिन आज परिस्थितियां ही बदल गईं हैं। अब राज्य में कभी भी चुनाव आ सकते हैं। 113 सीट होतीं तो तस्वीर अलग होती। इसी के साथ उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।

पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि कर्नाटक में येदियुरप्पा भी एक इमोशनल भाषण के साथ इस्तीफा दे सकते हैं। इससे 'नैतिकता' बची रहेगी। दूसरी पार्टियां हमलावर नहीं हो पाएंगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर सुबोध कुमार कहते हैं "येदियुरप्पा वाजपेयी के अंदाज में इमोशनल भाषण देकर इस्तीफा दे सकते हैं। इससे वह 'शहीद' बनकर सहानुभूति लेने की कोशिश करेंगे। 

वाजपेयी ने क्या कहा था लोकसभा में

वाजपेयी ने राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपने से पहले लोकसभा में कहा था, 'हमारा क्या अपराध है। हमें क्यों कठघरे में खड़ा किया जा रहा है? यह जनादेश ऐसे ही नहीं मिला है। इसके पीछे वर्षों का संघर्ष है, साधना है। एक-एक सीटों वाली पार्टियां कुकुरमुत्ते की तरह उग आती हैं। राज्यों में आपस में लड़ती हैं। दिल्ली में आकर एक हो जाती हैं। हम देश की सेवा के कार्य में जुटे रहेंगे। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि जो कार्य हमने अपने हाथों में लिया है, उसे पूरा किए बिना विश्राम नहीं करेंगे। अध्यक्ष महोदय, मैं अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देने जा रहा हूं।

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