भोपाल में छात्रा की संदिग्ध मौत: लाश लेकर सीधे घर जा पहुंची हॉस्टल संचालक

भोपाल। राजधानी में स्थित टीआईटी कॉलेज से बीई कर रही एक छात्रा की भोपाल के रेडक्रॉड अस्पताल में संदिग्ध मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी बल्कि छात्रा का शव हॉस्टल संचालक को सौंप दिया। हॉस्टल संचालक प्रतिभा सिंह ने भी छात्रा के परिजनों को सूचित नहीं किया और शव को लेकर सीधे निशा के घर जा पहुंची। अचानक निशा का शव देखकर हंगामा हो गया। घरवालों ने शव लेने से इंकार कर दिया। पुलिस को बुलाया गया तब कहीं जाकर विदिशा में शव को पीएम हुआ। रिपोर्ट आना अभी शेष है। 

हॉस्टल की संचालिका प्रतिभा सिंह ने बताया है कि विदिशा की राघवजी कालोनी निवासी 21 वर्षीय निशा नरवरिया उनके हॉस्टल में रहती थी। सोमवार को वह अपने घर विदिशा गई थी। बुधवार रात करीब 2 बजे हॉस्टल लौटी और सो गई। सुबह उसकी परीक्षा थी। उठने में देर हुई तो सहेलियों ने जगाया। उसका स्वास्थ्य खराब था।

परिजनों को फोन लगाया था लेकिन लगा ही नहीं

रेडक्रास अस्पताल में इलाज के बाद हॉस्टल वापस आ गई। दोपहर तबीयत बिगड़ने पर फिर उसे अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने लो बीपी की शिकायत बताई। इलाज के बाद हॉस्टल आ गई। गुरुवार रात करीब 2 बजे फिर स्वास्थ्य खराब होने पर रेडक्रास अस्पताल ले जाया गया। डाक्टर उसे आईसीयू में शिफ्ट कर रहे थे तभी उसकी मौत हो गई। प्रतिभा सिंह ने बताया कि इस दौरान परिजनों का फोन नहीं लगा तो वह शव लेकर वे खुद विदिशा पहुंचीं।

झूठ बोल रहीं हैं प्रतिभा सिंह: निशा का भाई 

निशा के भाई आशीष ने कहा कि बुधवार की दोपहर उन्होंने निशा को यात्री बस में बिठाकर भोपाल भेजा था। वह पूरी तरह से स्वस्थ्य थी। वह शाम 5 बजे हॉस्टल में पहुंच गई थी लेकिन संचालिका रात को 2 बजे हॉस्टल में पहुंचना बता रही हैं। उन्होंने बताया कि निशा हॉस्टल का किराया लेने आई थी। उसने सवाल उठाए कि निशा के बीमार होने की सूचना हास्टल ने क्यों नहीं दी। संबंधित अस्पताल में पीएम नहीं कराया और खुद शव लेकर आईं, जिससे संदेह पैदा होता है।

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