PEB ने कहा: हमें फर्क नहीं पड़ता, आगे भी नाॅर्मलाइजेशन होगा | MP NEWS

भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से जारी पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट पर विवाद बढ़ गया है। वजह है- नाॅर्मलाइजेशन पद्धिति। सभी उम्मीदवार एक स्वर में इसका विरोध कर रहे हैं परंतु एकेएस भदौरिया, एग्जाम कंट्रोलर, पीईबी का कहना है कि गेट जैसे एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन सिस्टम से ही रिजल्ट तैयार होता है। हमें इस सिस्टम पर पूरा भरोसा है। इससे चार-पांच नंबरों की बढ़ोतरी या घटोतरी होती है। लेकिन 33 नंबर तक बढ़ने की बातें झूठी हैं। छात्रों का विरोध गलत है। हमें उनके विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि सारा काम नियमों के तहत ही हो रहा है। 

बता दें कि मप्र में 9 हजार 235 पदों पर भर्ती के लिए कराई गई परीक्षा में 10 लाख 20 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे लेकिन भर्ती हुए अभ्यर्थियाें के अलावा शेष परेशान हैं। मेरिट के बराबर अंक लाने के बावजूद चयन से बाहर हुए अभ्यर्थियों काे इसकी वजह समझ नहीं आ रही। उनकी आपत्ति इस बात को लेकर भी है कि कई छात्रों के अंक कम होने के बावजूद नॉर्मलाइजेशन सिस्टम से उनके अंक बढ़ा कैसे दिए? 

कुछ छात्रों का कहना है कि नंबरों की घट-बढ़ ही नहीं रैकिंग में भी गड़बड़ हुई है, जिसकी जांच होना चाहिए। लेकिन पीईबी के अफसर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। मजबूरन छात्रों को सड़कों पर धरना प्रदर्शन व आंदोलन करने उतरना पड़ा है। मामले पर भास्कर पड़ताल में साफ हुआ कि सामान्य, ओबीसी, एससी, महिला सभी वर्गों के छात्रों का रिजल्ट नॉर्मलाइजेशन सिस्टम से बदल गया। मेरिट में आने वाले छात्र चयन से बाहर हो गए और कम नंबर वाले छात्रों के नंबर बढ़ जाने से वह मेरिट में आकर पटवारी पद के लिए चयनित हो गए। पीईबी के कंट्रोलर एकेएस भदौरिया ने स्वीकारा कि नॉर्मलाइजेशन के कारण 4-5 अंकों की घट-बढ़ हो सकती है। 

5 छात्र... जो काबिल हैं पर नहीं बने पटवारी 
रवि राजपूत (ओबीसी): परीक्षा में मेरे 79.49 अंक थे। मेरिट 79 अंक पर गई थी। लेकिन नॉर्मलाइजेशन पद्धति की वजह से मेरे अंक 78.81 रह गए, इसलिए मेरा चयन नहीं हुआ। 

प्रियंका दादौरिया (एससी-महिला वर्ग) : पेपर में ऑनलाइन मुझे 75 अंक मिले थे। लेकिन नॉर्मलाइजेशन सिस्टम के बाद मेरे अंक घटकर 71.53 रह गए। जबकि मेरिट 73 अंक पर टूटी। अगर नॉर्मलाइजेशन सिस्टम से रिजल्ट तैयार नहीं होता तो मेरा चयन पटवारी के लिए हो जाता। 

पंकज गोयल (सामान्य): एक छात्र काे सिर्फ 72 अंक मिले थे। लेकिन नॉर्मलाइजेशन के बाद उसके 10 अंक बढ़े और मेरिट के लिए 82 अंक लाकर वह चयनित हो गया। 

दीपेन्द्र राणा (सामान्य) : मुझे 85 अंक मिले। मेरिट 82 नंबर तक पहुंची थी। लेकिन नॉर्मलाइजेशन सिस्टम के कारण मेरे अंक घटकर 77 रह गए। इस कारण मेरा पटवारी बनने का सपना टूट गया। 

अमित लोधी (ओबीसी): पटवारी भर्ती में कुल 9 हजार 235 पदों के लिए परीक्षा हुई। मेरी रैकिंग आई 4938। फिर भी चयन नहीं हुआ। नॉर्मलाइजेशन सिस्टम से रैकिंग को लेकर भी गड़बड़ी हो रही है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !