अफवाह फैलाकर हिंसा भड़काने वालों से सावधान रहें: नंदकुमार सिंह चौहान | MP NEWS

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने न्यायालयीन आदेश के बाद देश में बनाए गए वातावरण को दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की है। इसके बावजूद कांग्रेस सहित तमाम राजनैतिक दल समाज को भड़काकर देश और प्रदेश का वातावरण खराब करना चाहतें हैं। श्री चौहान ने मध्यप्रदेश के नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहें फैलाने वालों से सावधान रहें और समाज को तोड़ने के किसी भी कुचक्र में न फंसे। उन्होंने आज हुई घटनाओं पर दुख व्यक्त किया है।

श्री चौहान ने कहा कि आज जो कुछ भी हुआ है, वह सभ्य समाज के लिए कलंक के समान है। मुझे ऐसा लगता है कि कुछ लोगों को हमारा सामाजिक ताना बाना और आपसी सौहार्द्र रास नहीं आता है। ये वही लोग हैं जो देश के भाईचारे को तहस-नहस करके अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकना चाहतें है। ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है। बड़े दुख की बात है कि मध्यप्रदेश में भी और विशेषकर ग्वालियर चंबल अंचल में कुछ लोगों ने सामाजिक सौहार्द्र तोड़ने की नियत से उपद्रव किया और वे हमें आपस में उलझाने में सफल हुए। परिणामस्वरूप हमारे कुछ भाईयों को जान से हाथ धोना पड़ा। इसी प्रकार की चीजों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। श्री चैहान ने अपील की है कि मध्यप्रदेश में एकता और भाईचारे की जो उच्च स्तरीय परंपराएं है, उनको बनाए रखा जाना चाहिए। जिनकी मृत्यु हुई है वे अपने ही परिवार के सदस्य थे। इसलिए उनके प्रति मेरी पूरी संवेदना है। जिनकी संपत्ति उपद्रव के दौरान नष्ट हुई है, वह भी कष्टकारी है, लेकिन इन परिस्थितियों से बाहर आकर ही हम अपने प्रदेश और शहर का भला कर सकतें हैं।

उन्होंने कहा कि जिनके साथ भी अन्याय हुआ है, सरकार उनको न्याय दिलाने की पूरी चिंता करेगी। जिनके रोजगार नष्ट हुए है उनके परिवार की रोजी रोटी का प्रबंध भी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिसने भी अपराध किया है, कानून की नजर में वह अपराधी है, उसे बख्शा नहीं जायेगा। शर्त इतनी सी है कि कानून को हम अपना काम करने दें।

उन्होंने कहा कि जिस विषय को लेकर आज प्रदर्शन हुए और बाद में हिंसा भड़की, उससे सरकार का कोई संबंध नहीं है। सरकार ने तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले पर पुनर्विचार याचिका भी दायर की है। अतः विषय को सही अर्थो में प्रस्तुत करके शांतिपूर्वक ढंग से समाधान खोजा जाना चाहिए। श्री चैहान ने उन राजनैतिक लोगों की कड़ी आलोचना की है जो समाज के भीतर भेदभाव भड़काकर देश को हिंसा की ओर धकेलना चाहतें हैं।

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