
जानकारी के अनुसार, भारत से 62 स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए 8 अप्रैल को जॉर्जिया गए थे। जहां छात्रों को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। मेडिकल छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें एयरपोर्ट पर जमीन पर बैठा दिया गया। पानी पीने और बाथरूम की इजाजत भी नहीं दी गई। एयरपोर्ट में घंटों बैठने के बाद उन्हें वापस भारत भेज दिया गया। छात्रों का कहना था कि पासपोर्ट भी एयर अरेबिया के विमान स्टाफ को यह कहकर दिया कि दिल्ली उतारने के बाद उन्हें दिया जाए।
दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचकर भी पासपोर्ट वापस लेने के लिए छात्र-छात्राओं को सुबह से शाम तक जद्दोजहद करनी पड़ी। बच्चों के साथ हुए ऐसे सलूक से खफा इंदौर के छात्र-छात्राओं के परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट किया। इस पर मंत्री ने आश्वासन भी दिया कि भारतीय दूतावास मामले को देख रहा है। मंगलवार शाम दिल्ली में पहले मौजूद परिजन विदेश मंत्रालय गए और इस मामले की शिकायत भी की।
रंग और कद देखकर कुछ को चुना
इंदौर और सेंधवा से गईं दो बहनों ने नाम न प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि जार्जिया में एयरपोर्ट के स्टाफ ने बहुत बदसलूकी की। सारे दस्तावेज दिखाने के बाद भी वह नहीं मानें। गहरे रंग और छोटे कद वाले 10 विद्यार्थियों को चुनकर जाने दिया और बाकी को जमीन पर बैठाकर रखा। कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं था। बतौर भारतीय हम लोगों ने बहुत अपमानित महसूस किया। जार्जिया के डी-3 वीजा (पढ़ाई के लिए जारी होने वाला वीजा) के लिए भी विद्यार्थियों को लगभग छह महीने इंतजार करना पड़ा था। वहां कक्षाएं लगभग पांच महीने पहले ही शुरू हो चुकी हैं। अभिभावकों ने 25-30 लाख रुपये सालाना फीस भी भर दी है।
I have spoken to His Excellency Mr. Mikheil Janelidze, Deputy Prime Minister and Minister of Foreign Affairs of Georgia. He assured me that he will look in to this matter personally and resolve this. https://t.co/Czq8vCnnou— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) April 10, 2018