लंदन में 53 CWC FLAG POLE पर लगा ​भारत का राष्ट्रध्वज फाड़ा | WORLD NEWS

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिटेन की यात्रा पर हैं। लंदन में पीएम मोदी की मौजूदगी में भारत विरोधी प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ब्रिटेन सरकार उन्हे रोक पाने में नाकाम साबित हुई।प्रदर्शनकारियों ने 53 राष्ट्रमंडल देशों के 'फ्लैग पोल' पर लगे आधिकारिक झंडों में से भारत के राष्ट्रध्वज को फाड़ दिया गया। बता दें कि CWC फ्लैग पोल लगा राष्ट्रध्वज किसी भी देश का सम्मान होता है। बताया जा रहा है जब​ पीएम मोदी अपनी ब्रिटिश समकक्ष टेरीजा मे से मुलाकात कर रहे थे तब भी वहां भारत विरोधी प्रदर्शन जारी थे। 
'फ्लैग पोल'  पर लगा भारतीय तिरंगा फाड़े जाने के बाद पार्लियामेंट स्क्वायर पर कुछ प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। इस प्रदर्शन को कवर कर रहे भारत के एक बड़े समाचार चैनल के पत्रकार हिंसक प्रदर्शन में फंस गये थे और ड्यूटी पर मौजूद स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों को बीच-बचाव करना पड़ा। इस दौरान खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी कुछ ज्यादा हिंसक हो गए। समूह इस संबंध में मेट्रोपॉलिटन पुलिस से शिकायत करने की योजना बना रहा है।

लंदन पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने एक बयान में कहा कि बुधवार 18 अप्रैल को (ब्रिटिश समयानुसार) दोपहर तीन बजे पार्लियामेंट स्क्वायर में एक भारतीय झंडे को नीचे उतार लिए जाने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। उस झंडे की जगह दूसरा झंडा लगा दिया गया है। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जांच जारी है। ब्रिटेन के विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) के एक प्रवक्ता ने बताया कि लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन पार्लियामेंट स्क्वायर में एक छोटे से समूह की ओर से उठाए गए कदम से हम निराश हैं और जैसे ही हमें इस बारे में बताया गया , हमने उच्चायुक्त यशवर्धन कुमार सिन्हा से संपर्क किया।  

भारत ने पहले ही चिंता जता दी थी
बयान के मुताबिक , प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा से भारत के साथ हमारे संबंध मजबूत हुए हैं और हम कई अहम क्षेत्रों में ज्यादा करीबी तौर पर मिलकर काम करने को उत्सुक हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री की यात्रा से संबद्ध भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंता जतायी, उन्होंने घटना के लिए माफी मांगी है। हमने उन्हें आगाह किया था कि कुछ तत्व परेशानियां पैदा करेंगे और उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया था। भारतीय ध्वज (तिरंगा) को बदल दिया गया है। 

माइनॉरिटीज अगेन्स्ट मोदी के प्रदर्शनकारी हैं
सिख फेडरेशन यूके के कुछ खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी और पाकिस्तानी मूल के पीर लॉर्ड अहमद की अगुवाई वाले तथाकथित माइनॉरिटीज अगेन्स्ट मोदी के प्रदर्शनकारियों समेत करीब 500 लोग पार्लियामेंट स्क्वायर में एकत्र हुए। इनमें से कुछ का नेतृत्व कुछ कश्मीरी अलगाववादी समूह कर रहे थे। ये लोग अपने बैनर और झंडे ले कर महात्मा गांधी की प्रतिमा के आसपास एकत्र हो गए। 

ब्रिटेन में पीएम मोदी का हुआ जोरदार स्वागत
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी चोगम में भाग लेने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर गुरूवार को ही ब्रिटेन पहुंचे हैं। इससे पहले, साड़ी पहनी महिलाओं ने ढोल की थाप के साथ 10 डाऊनिंग स्ट्रीट पर मोदी के पक्ष में समां बांधा। मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे से मिलने के लिए कल उनके सरकारी आवास पहुंचे थे। डाऊनिंग स्ट्रीट और पार्लियामेंट स्क्वायर के पास ब्रिटेन के अलग-अलग हिस्सों से आए फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसायटी इंटरनेशनल ( एफआईएसआई ) समूह के लोग भी मौजूद थे। इन लोगों ने ' चक दे इंडिया  और ' जय हिन्द  के बैनर लहराये। 

कास्टवाच यूके और साऊथ एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप ने भी प्रदर्शन किया
यहां एकत्र लोगों में से एक ने कहा कि हम ब्रिटेन में भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत करना चाहते हैं और उन्हें भारतवंशियों की ओर से प्राप्त समर्थन के बारे में बताना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ कास्टवाच यूके और साऊथ एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप के लोगों ने मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। कास्ट वाच यूके के प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र, विधि के शासन और देश की एकता के लिए खतरा बन रहे तानाशाही की ओर भारत को बढ़ने से रोकने के लिए हिन्दू राष्ट्रवाद को रोकना होगा। उनके साथ ही कुछ अन्य प्रदर्शनकारी भी जुटे। 

हाथों में कठुआ पीड़िता और गौरी लंकेश की फोटो थीं
उनके हाथों में जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की बलात्कार पीड़िता बच्ची, पत्रकार गौरी लंकेश की तस्वीरें थीं। लंकेश को पिछले साल उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी। प्रदर्शनकारियों में ब्रिटेन में भारतीय महिलाओं के कई समूह भी शामिल थे। इन लोगों ने भारत में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ  अपने मूक प्रदर्शन के लिए सफेद कपड़े पहने हुए थे। उनकी तख्तियों पर लिखा था 'मैं हिन्दुस्तान हूं', 'मैं शर्मिंदा हूं ' बेटी बचाओ। प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों से जुड़े भारतीय अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन किसी भी लोकतांत्रिक समाज का हिस्सा है। 

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