10, 14 और 18 अप्रैल संवेदनशील, प्रशासन को चौकस रहने के आदेश | MP NEWS

भोपाल। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदलाव के बाद दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया था। इस दौरान देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई। सबसे ज्यादा हिंसा मप्र में हुई। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थन में 10 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया गया है। इसके अलावा 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती और 18 अप्रैल परशुराम जयंती को भी संवेदनशील माना जा रहा है। सभी जिलों के कलेक्टर/एसी से चौकस रहने को कहा गया है। 

पुलिस मुख्यालय में आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो अप्रैल के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थन में भारत बंद का आव्हान किया गया है जिसका कुछ दिनों से सोशल मीडिया वाट्सअप ग्रुप आदि के माध्यम से प्रचार चल रहा है। कुछ जिलों में स्थानीय प्रशासन द्वारा बंद का आव्हान करने वाले संगठनों की पहचान की गई है। कुछ संगठनों ने बंद से अलग होने की भी घोषणा की है।

तीनों तारीखों के आयोजनों की सूची मांगी
देउस्कर ने बताया कि 10 अप्रैल के साथ ही 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती व 18 अप्रैल को परशुराम जयंती को देखते हुए सभी जिलों में स्थानीय अधिकारियों को प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। बंद या दोनों अन्य तारीखों के आयोजनों के आयोजकों से संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों से आयोजनों की सूची मांगी गई है। ग्वालियर-चंबल और सागर संभागों सहित महाराष्ट्र से सटे प्रदेश के जिलों को संवेदनशील माना है।

अब तक 236 गिरफ्तारियां
आईजी इंटेलीजेंस ने बताया कि ग्वालियर, भिंड और मुरैना में दंगों के करीब 90 अपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं जिनमें 236 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। ग्वालियर में 45 प्रकरण में 75, भिंड में 33 एफआईआर में 50 और मुरैना में 12 प्रकरण में 111 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। राजा चौहान के खिलाफ दर्ज 308 के मामले में देउस्कर ने कहा कि आत्मरक्षार्थ गोली चलाना तब तक सही है जब तक आक्रमणकारी पीछे नहीं हटते, जैसे ही आक्रामणकारी पीछे हट जाते हैं तो फायरिंग करने का अधिकार समाप्त हो जाता है।

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