भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिला स्थित डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय जिसे SAGAR UNIVERSITY भी कहा जाता है, मैं एक शर्मसार कर देने वाला घटनाक्रम सामने आया है। हॉस्टल की वार्डन ने करीब 40 छात्राओं के कपड़े उतरवाए और उनके प्राइवेट पार्ट की जांच की। दरअसल, वार्डन यह पता लगाना चाहतीं थीं कि कौन सी छात्रा है जो घटना वाले दिन पेड यूज कर रही है। इस घटना के बाद लामबंद हुई छात्राओं ने कुलपति से वार्डन की शिकायत की। इस शिकायत के साथ ही मामला सुर्ख हो गया। देश भर में इस घटनाक्रम की निंदा की जा रही है। यह छात्रावास में छात्राओं की यौन प्रताड़ना का मामला है।
गंदा पैड मिला था, इसलिए शुरू की जांच
जानकारी के मुताबिक, 24 मार्च को डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी के रानी लक्ष्मीबाई कन्या छात्रावास परिसर में इस्तेमाल किया हुआ गंदा सेनेटरी पैड मिला था। इस घटना से हॉस्टल वार्डन और आउटसोर्सिंग वार्डन नाराज हो गईं। ये पता करने के लिए कि खुले में गंदा पैड किसने फेंका है, उन्होंने छात्राओं और उनके कमरों की तलाशी लेना शुरू कर दिया। कमरों की तलाशी तक सब ठीक रहा, लेकिन वार्डन इतने पर ही नहीं रुकीं और उन्होंने छात्राओं की तलाशी लेते हुए उन्हें कपड़े उतारने को मजबूर किया। खुद को असहाय पाते हुए छात्राओं को ऐसा करना पड़ा। इस घटना का छात्राओं पर गहरा प्रभाव पड़ा और वो शर्मिंदगी महसूस करने लगी।
छात्राओं ने की कुलपति से शिकायत
छात्राओं का एक ग्रुप घटना की लिखित शिकायत लेकर यूनिवर्सिटी के कुलपति आरपी तिवारी के पास पहुंचा। उन्होंने अपनी पीड़ा सुनाते हुए हॉस्टल वार्डन और आउटसोर्सिंग वार्डन पर कार्रवाई की मांग की। कुलपति ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने छात्राओं को आश्वासन दिया कि तीन दिनों के अंदर जांच पूरी कर ली जाएगी और दोषी पाए जाने पर दोनों वार्डनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।