मैगजीन 'गृहलक्ष्मी' ने एक नई बहस का जन्म दिया | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। ब्रेस्टफीडिंग का एहसास बेहद खास होता है एक मां के लिये। जो उसे ममत्व का एहसास कराता है। एक औरत के लिये ये क्षण काफी खास होता है। बच्चे के लिये भी यह आवश्यक है कि उसे जन्म के बाद मां का दूध मिले लेकिन आज भी खुले में ब्रेस्टफीडिंग को लोग गलत मानते हैं। इसी बात के विरोध में एक मलयालम मैगजीन ने एक ऐसा बोल्ड जवाब दिया है जिससे लोगों की पुरानी सोच को बदला जा सके। एक मलयालम मैगजीन 'गृहलक्ष्मी' ने अपने कवर पेज पर एक महिला की फोटो छपवाई है जिसमें वह अपने नवजात को ब्रेस्टफीड करा रही है। 

इस मैगजीन के कवरपेज पर जो महिला है वो कोई और नहीं मॉडल, कवियित्री, राइटर और एयरहोस्टेस गिलु जोसेफ हैं। जो एक नवजात को फीड कराती हुई नजर आ रही हैं। इतना ही नहीं इस कवर पेज पर लिखा गया है कि जब हम ब्रेस्टफीड करा रहे हों तो हमें घूरे नहीं। बता दें इस कवर पेज पर मलयाली भाषा में लिखा गया है कि 'केरल से माएं कह रही हैं, कृपया घूरें नहीं हमें ब्रेस्टफीड की जरूरत है।' 

फैमिली का नहीं मिला सपोर्ट
एक ऑनलाइन वेबसाइट से हुई बातचीत में जोसेफ ने बताया कि इस कैंपेन में  हिस्सा लेने में उन्हें किसी तरह की कोई शर्म नहीं है। उन्हें अपनी बॉडी पर काफी गर्व है। उन्होंने कहा कि वह वही चीजें करती हैं जो उन्हें सही लगती हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में उनकी फैमिली से उन्हें कोई सपोर्ट मिला।

जोसेफ ने बताया कि उन्होंने इस प्रॉजेक्ट को लेकर पूछे जाने पर एक ही बार में हां कर दिया था। उन्होंने कहा कि यदि एक महिला अपने बच्चे को खुले में फीड कराती है तो इसमें घबराने या शर्म की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे सेक्शुअल तरीके से लेना गलत है। कौन सा इससे भगवान आपसे नाराज हो जाएंगे। 
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